Isaiah 44:9
जो मूरत खोदकर बनाते हैं, वे सब के सब व्यर्थ हैं और जिन वस्तुओं में वे आनन्द ढूंढते उन से कुछ लाभ न होगा; उसके साक्षी, न तो आप कुछ देखते और न कुछ जानते हैं, इसलिये उन को लज्जित होना पड़ेगा।
Isaiah 44:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
They that make a graven image are all of them vanity; and their delectable things shall not profit; and they are their own witnesses; they see not, nor know; that they may be ashamed.
American Standard Version (ASV)
They that fashion a graven image are all of them vanity; and the things that they delight in shall not profit; and their own witnesses see not, nor know: that they may be put to shame.
Bible in Basic English (BBE)
Those who make a pictured image are all of them as nothing, and the things of their desire will be of no profit to them: and their servants see not, and have no knowledge; so they will be put to shame.
Darby English Bible (DBY)
They that form a graven image are all of them vanity, and their delectable things are of no profit; and they are their own witnesses: they see not, nor know; -- that they may be ashamed.
World English Bible (WEB)
Those who fashion an engraved image are all of them vanity; and the things that they delight in shall not profit; and their own witnesses don't see, nor know: that they may be disappointed.
Young's Literal Translation (YLT)
Framers of a graven image `are' all of them emptiness, And their desirable things do not profit, And their own witnesses they `are', They see not, nor know, that they may be ashamed.
| They that make | יֹֽצְרֵי | yōṣĕrê | YOH-tseh-ray |
| a graven image | פֶ֤סֶל | pesel | FEH-sel |
| are all | כֻּלָּם֙ | kullām | koo-LAHM |
| vanity; them of | תֹּ֔הוּ | tōhû | TOH-hoo |
| and their delectable things | וַחֲמוּדֵיהֶ֖ם | waḥămûdêhem | va-huh-moo-day-HEM |
| shall not | בַּל | bal | bahl |
| profit; | יוֹעִ֑ילוּ | yôʿîlû | yoh-EE-loo |
| and they | וְעֵדֵיהֶ֣ם | wĕʿēdêhem | veh-ay-day-HEM |
| are their own witnesses; | הֵׄ֗מָּׄהׄ | hēmmâ | HAY-ma |
| they see | בַּל | bal | bahl |
| not, | יִרְא֛וּ | yirʾû | yeer-OO |
| nor | וּבַל | ûbal | oo-VAHL |
| know; | יֵדְע֖וּ | yēdĕʿû | yay-deh-OO |
| that | לְמַ֥עַן | lĕmaʿan | leh-MA-an |
| they may be ashamed. | יֵבֹֽשׁוּ׃ | yēbōšû | yay-voh-SHOO |
Cross Reference
यशायाह 41:24
देखो, तुम कुछ नहीं हो, तुम से कुछ नहीं बनता; जो कोई तुम्हें चाहता है वह घृणित है॥
यशायाह 41:29
सुनो, उन सभों के काम अनर्थ हैं; उनके काम तुच्छ हैं, और उनकी ढली हुई मूर्तियां वायु और मिथ्या हैं॥
भजन संहिता 97:7
जितने खुदी हुई मूर्तियों की उपासना करते और मूरतों पर फूलते हैं, वे लज्जित हों; हे सब देवताओं तुम उसी को दण्डवत करो।
यिर्मयाह 10:14
सब मनुष्य पशु सरीखे ज्ञानरहित हैं; अपनी खोदी हुई मूरतों के कारण सब सुनारों की आशा टूटती है; क्योंकि उनकी ढाली हुई मूरतें झूठी हैं, और उन में सांस ही नहीं है।
यिर्मयाह 14:22
क्या अन्यजातियों की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झडिय़ां लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।
यिर्मयाह 16:19
हे यहोवा, हे मेरे बल और दृढ़ गढ़, संकट के समय मेरे शरणस्थान, जातिजाति के लोग पृथ्वी की चहुं ओर से तेरे पास आकर कहेंगे, निश्चय हमारे पुरखा झूठी, व्यर्थ और निष्फल वस्तुओं को अपनाते आए हैं।
दानिय्येल 5:23
वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥
दानिय्येल 11:38
वह अपने राजपद पर स्थिर रहकर दृढ़ गढ़ों ही के देवता का सम्मान करेगा, एक ऐसे देवता का जिसे उसके पुरखा भी न जानते थे, वह सोना, चान्दी, मणि और मनभावनी वस्तुएं चढ़ा कर उसका सम्मान करेगा।
होशे 8:4
वे राजाओं को ठहराते रहे, परन्तु मेरी इच्छा से नहीं। वे हाकिमों को भी ठहराते रहे, परन्तु मेरे अनजाने में। उन्होंने अपना सोना-चान्दी ले कर मूरतें बना लीं जिस से वे ही नाश हो जाएं।
हबक्कूक 2:18
खुदी हुई मूरत में क्या लाभ देख कर बनाने वाले ने उसे खोदा है? फिर झूठ सिखाने वाली और ढली हुई मूरत में क्या लाभ देख कर ढालने वाले ने उस पर इतना भरोसा रखा है कि न बोलने वाली और निकम्मी मूरत बनाए?
रोमियो 1:22
वे अपने आप को बुद्धिमान जताकर मूर्ख बन गए।
1 कुरिन्थियों 8:4
सो मूरतों के साम्हने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में हम जानते हैं, कि मूरत जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
2 कुरिन्थियों 4:4
और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
इफिसियों 4:18
क्योंकि उनकी बुद्धि अन्धेरी हो गई है और उस अज्ञानता के कारण जो उन में है और उनके मन की कठोरता के कारण वे परमेश्वर के जीवन से अलग किए हुए हैं।
इफिसियों 5:8
क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो।
यिर्मयाह 10:3
क्योंकि देशों के लोगों की रीतियां तो निकम्मी हैं। मूरत तो वन में से किसी का काटा हुआ काठ है जिसे कारीगर ने बसूले से बनाया है।
यिर्मयाह 2:27
वे काठ से कहते हैं, तू मेरा बाप है, और पत्थर से कहते हैं, तू ने मुझे जन्म दिया है। इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, उठ कर हमें बचा!
न्यायियों 10:14
जाओ, अपके माने हुए देवताओं की दोहाई दो; तुम्हारे संकट के समय वे ही तुम्हें छुड़ाएं।
1 राजा 18:26
तब उन्होंने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था ले कर तैयार किया, और भोर से ले कर दोपहर तक वह यह कह कर बाल से प्रार्थना करते रहे, कि हे बाल हमारी सुन, हे बाल हमारी सुन! परन्तु न कोई शब्द और न कोई उत्तर देने वाला हुआ। तब वे अपनी बनाई हुई वेदी पर उछलने कूदने लगे।
भजन संहिता 115:8
जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनाने वाले हैं; और उन पर भरोसा रखने वाले भी वैसे ही हो जाएंगे॥
भजन संहिता 135:18
जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनाने वाले भी हैं; और उन पर सब भरोसा रखने वाले भी वैसे ही हो जाएंगे!
यशायाह 2:20
उस दिन लोग अपनी चान्दी-सोने की मूरतों को जिन्हें उन्होंने दण्डवत करने के लिये बनाया था, छछून्दरों और चमगीदड़ों के आगे फेंकेंगे,
यशायाह 37:18
हे यहोवा, सच तो है कि अश्शूर के राजाओं ने सब जातियों के देशों को उजाड़ा है
यशायाह 42:18
हे बहिरो, सुनो; हे अन्धो, आंख खोलो कि तुम देख सको!
यशायाह 43:8
आंख रहते हुए अन्धों को और कान रहते हुए बहिरों को निकाल ले आओ!
यशायाह 44:18
क्योंकि उनकी आंखें ऐसी मून्दी गई हैं कि वे देख नहीं सकते; और उनकी बुद्धि ऐसी कि वे बूझ नहीं सकते।
यशायाह 44:20
वह राख खाता है; भरमाई हुई बुद्धि के कारण वह भटकाया गया है और वह न अपने को बचा सकता और न यह कह सकता है, क्या मेरे दाहिने हाथ में मिथ्या नहीं?
यशायाह 45:20
हे अन्यजातियों में से बचे हुए लोगो, इकट्ठे हो कर आओ, एक संग मिलकर निकट आओ! वह जो अपनी लकड़ी की खोदी हुई मूरतें लिए फिरते हैं और ऐसे देवता से जिस से उद्धार नहीं हो सकता, प्रार्थना करते हैं, वे अज्ञान हैं।
यशायाह 46:1
बेल देवता झुक गया, नबो देवता नब गया है, उनकी प्रतिमाएं पशुओं वरन घरैलू पशुओं पर लदी हैं; जिन वस्तुओं को तुम उठाए फिरते थे, वे अब भारी बोझ हो गईं और थकित पशुओं पर लदी हैं।
यशायाह 46:6
जो थैली से सोना उण्डेलते वा कांटे में चान्दी तौलते हैं, जो सुनार को मजदुरी देकर उस से देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन दण्डवत भी करते हैं!
यिर्मयाह 2:11
परन्तु मेरी प्रजा ने अपनी महिमा को निकम्मी वस्तु से बदल दिया है।
व्यवस्थाविवरण 27:15
कि शापित हो वह मनुष्य जो कोई मूर्ति कारीगर से खुदवाकर वा ढलवाकर निराले स्थान में स्थापन करे, क्योंकि इस से यहोवा को घृणा लगती है। तब सब लोग कहें, आमीन॥