ਜ਼ਿਕਰ ਯਾਹ 4:12
ਮੈਂ ਉਸ ਨੂੰ ਇਹ ਵੀ ਪੁੱਛਿਆ, “ਜੈਤੂਨ ਦੇ ਰੁੱਖ ਦੀਆਂ ਇਹ ਦੋ ਟਹਿਣੀਆਂ ਕੀ ਹਨ, ਜਿਹੜੀਆਂ ਸੋਨੇ ਦੀਆਂ ਦੋਨੋ ਨਲੀਆਂ ਨਾਲ ਜੁੜੀਆਂ ਹੋਈਆਂ ਹਨ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਸੁਨਿਹਰੇ ਰੰਗ ਦਾ ਤੇਲ ਨਿਕਲਦਾ ਹੈ?”
And I answered | וָאַ֣עַן | wāʾaʿan | va-AH-an |
again, | שֵׁנִ֔ית | šēnît | shay-NEET |
and said | וָאֹמַ֖ר | wāʾōmar | va-oh-MAHR |
unto | אֵלָ֑יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
him, What | מַה | ma | ma |
be these two | שְׁתֵּ֞י | šĕttê | sheh-TAY |
olive | שִׁבֲּלֵ֣י | šibbălê | shee-buh-LAY |
branches | הַזֵּיתִ֗ים | hazzêtîm | ha-zay-TEEM |
which | אֲשֶׁר֙ | ʾăšer | uh-SHER |
through | בְּיַ֗ד | bĕyad | beh-YAHD |
the two | שְׁנֵי֙ | šĕnēy | sheh-NAY |
golden | צַנְתְּר֣וֹת | ṣantĕrôt | tsahn-teh-ROTE |
pipes | הַזָּהָ֔ב | hazzāhāb | ha-za-HAHV |
empty | הַֽמְרִיקִ֥ים | hamrîqîm | hahm-ree-KEEM |
the golden | מֵעֲלֵיהֶ֖ם | mēʿălêhem | may-uh-lay-HEM |
oil out of | הַזָּהָֽב׃ | hazzāhāb | ha-za-HAHV |