ਨਹਮਿਆਹ 2:6
ਪਾਤਸ਼ਾਹ ਦੇ ਕੋਲ ਹੀ ਮਹਾਰਾਣੀ ਵੀ ਬੈਠੀ ਹੋਈ ਸੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੋਨਾਂ ਨੇ ਮੈਨੂੰ ਪੁੱਛਿਆ, “ਤ੍ਤੇਰਾ ਸਫ਼ਰ ਕਿੰਨਾ ਚਿਰ ਰਹੇਗਾ ਅਤੇ ਕੀ ਤੂੰ ਵਾਪਸ ਪਰਤੇਂਗਾ?” ਪਾਤਸ਼ਾਹ ਮੈਨੂੰ ਭੇਜਣ ਲਈ ਪ੍ਰਸੰਨ ਸੀ ਤਾਂ ਮੈਂ ਉਸ ਨੂੰ ਵਾਪਸੀ ਦਾ ਸਮਾਂ ਠਹਿਰਾ ਦਿੱਤਾ।
And the king | וַיֹּאמֶר֩ | wayyōʾmer | va-yoh-MER |
said | לִ֨י | lî | lee |
queen (the me, unto | הַמֶּ֜לֶךְ | hammelek | ha-MEH-lek |
also sitting | וְהַשֵּׁגַ֣ל׀ | wĕhaššēgal | veh-ha-shay-ɡAHL |
him,) by | יוֹשֶׁ֣בֶת | yôšebet | yoh-SHEH-vet |
For | אֶצְל֗וֹ | ʾeṣlô | ets-LOH |
how long | עַד | ʿad | ad |
shall thy journey | מָתַ֛י | mātay | ma-TAI |
be? | יִֽהְיֶ֥ה | yihĕye | yee-heh-YEH |
when and | מַֽהֲלָכֲךָ֖ | mahălākăkā | ma-huh-la-huh-HA |
wilt thou return? | וּמָתַ֣י | ûmātay | oo-ma-TAI |
So it pleased | תָּשׁ֑וּב | tāšûb | ta-SHOOV |
וַיִּיטַ֤ב | wayyîṭab | va-yee-TAHV | |
king the | לִפְנֵֽי | lipnê | leef-NAY |
to send | הַמֶּ֙לֶךְ֙ | hammelek | ha-MEH-lek |
set I and me; | וַיִּשְׁלָחֵ֔נִי | wayyišlāḥēnî | va-yeesh-la-HAY-nee |
him a time. | וָֽאֶתְּנָ֥ה | wāʾettĕnâ | va-eh-teh-NA |
ל֖וֹ | lô | loh | |
זְמָֽן׃ | zĕmān | zeh-MAHN |