Deuteronomy 12:32
“ਤੁਹਾਨੂੰ ਹਰ ਉਹ ਗੱਲ ਕਰਨ ਦਾ ਧਿਆਨ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ ਜਿਸਦਾ ਮੈਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਾ ਹਾਂ। ਜਿਹੜੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਮੈਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਦੱਸਦਾ ਹਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਕੋਈ ਵਾਧਾ ਜਾਂ ਘਾਟਾ ਨਹੀਂ ਕਰਨਾ।
אֵ֣ת | ʾēt | ate | |
What thing | כָּל | kāl | kahl |
soever | הַדָּבָ֗ר | haddābār | ha-da-VAHR |
I | אֲשֶׁ֤ר | ʾăšer | uh-SHER |
command | אָֽנֹכִי֙ | ʾānōkiy | ah-noh-HEE |
observe you, | מְצַוֶּ֣ה | mĕṣawwe | meh-tsa-WEH |
to do | אֶתְכֶ֔ם | ʾetkem | et-HEM |
not shalt thou it: | אֹת֥וֹ | ʾōtô | oh-TOH |
add | תִשְׁמְר֖וּ | tišmĕrû | teesh-meh-ROO |
thereto, | לַֽעֲשׂ֑וֹת | laʿăśôt | la-uh-SOTE |
nor | לֹֽא | lōʾ | loh |
diminish | תֹסֵ֣ף | tōsēp | toh-SAFE |
from | עָלָ֔יו | ʿālāyw | ah-LAV |
it. | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
תִגְרַ֖ע | tigraʿ | teeɡ-RA | |
מִמֶּֽנּוּ׃ | mimmennû | mee-MEH-noo |