हितोपदेश 12:9
प्रतिष्ठित व्याक्ति हुँ भनी बहना गर्नु तर प्रचुर मात्रमा खाना नहुनु भन्दा एउटा साधरण व्याक्ति भएर आफैंलाई आफ्नो सेवक बनाउँनु असल हो।
He that is despised, | ט֣וֹב | ṭôb | tove |
and hath a servant, | נִ֭קְלֶה | niqle | NEEK-leh |
better is | וְעֶ֣בֶד | wĕʿebed | veh-EH-ved |
than he that honoureth | ל֑וֹ | lô | loh |
himself, and lacketh | מִ֝מְּתַכַּבֵּ֗ד | mimmĕtakkabbēd | MEE-meh-ta-ka-BADE |
bread. | וַחֲסַר | waḥăsar | va-huh-SAHR |
לָֽחֶם׃ | lāḥem | LA-hem |