2 इतिहास 25:15
परमप्रभु अमस्याह सित अत्यन्त क्रोधित हुनुभयो। परमप्रभुले अमस्याह कहाँ अगमवक्ता पठाउनु भयो। अगमवक्ताले भने, “अमस्याह किन तपाईंले ती मानिसहरूले पूजा गर्ने मूर्तिहरूको पूजा गर्नु भएको? ती देवताहरूले तिनीहरूका आफ्नै मानिसहरूलाई पनि तपाईंबाट बचाउन सकेनन्।
Wherefore the anger | וַיִּֽחַר | wayyiḥar | va-YEE-hahr |
Lord the of | אַ֥ף | ʾap | af |
was kindled | יְהוָ֖ה | yĕhwâ | yeh-VA |
against Amaziah, | בַּֽאֲמַצְיָ֑הוּ | baʾămaṣyāhû | ba-uh-mahts-YA-hoo |
sent he and | וַיִּשְׁלַ֤ח | wayyišlaḥ | va-yeesh-LAHK |
unto | אֵלָיו֙ | ʾēlāyw | ay-lav |
him a prophet, | נָבִ֔יא | nābîʾ | na-VEE |
said which | וַיֹּ֣אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
unto him, Why | ל֗וֹ | lô | loh |
after sought thou hast | לָ֤מָּה | lāmmâ | LA-ma |
דָרַ֙שְׁתָּ֙ | dāraštā | da-RAHSH-TA | |
the gods | אֶת | ʾet | et |
people, the of | אֱלֹהֵ֣י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
which | הָעָ֔ם | hāʿām | ha-AM |
not could | אֲשֶׁ֛ר | ʾăšer | uh-SHER |
deliver | לֹֽא | lōʾ | loh |
הִצִּ֥ילוּ | hiṣṣîlû | hee-TSEE-loo | |
people own their | אֶת | ʾet | et |
out of thine hand? | עַמָּ֖ם | ʿammām | ah-MAHM |
מִיָּדֶֽךָ׃ | miyyādekā | mee-ya-DEH-ha |