Jonah 4:10
तब परमप्रभुले भन्नुभयो, “हेर, त्यो बोटको निम्ति तैंले केहि पनि गरिनस्। तैले रोपेको पनि हैनस्। त्यो एकै रातमा उम्रियो र एकै रातमा ओइलाईहाल्यो अनि त्यो बोटको निम्ति सहानभूति अनुभव गर्छस्।
Then said | וַיֹּ֣אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
the Lord, | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
Thou | אַתָּ֥ה | ʾattâ | ah-TA |
hast had pity | חַ֙סְתָּ֙ | ḥastā | HAHS-TA |
on | עַל | ʿal | al |
the gourd, | הַקִּ֣יקָי֔וֹן | haqqîqāyôn | ha-KEE-ka-YONE |
for the which | אֲשֶׁ֛ר | ʾăšer | uh-SHER |
thou hast not | לֹא | lōʾ | loh |
laboured, | עָמַ֥לְתָּ | ʿāmaltā | ah-MAHL-ta |
neither | בּ֖וֹ | bô | boh |
madest it grow; | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
which came up | גִדַּלְתּ֑וֹ | giddaltô | ɡee-dahl-TOH |
night, a in | שֶׁבִּן | šebbin | sheh-BEEN |
לַ֥יְלָה | laylâ | LA-la | |
and perished | הָיָ֖ה | hāyâ | ha-YA |
in a night: | וּבִן | ûbin | oo-VEEN |
לַ֥יְלָה | laylâ | LA-la | |
אָבָֽד׃ | ʾābād | ah-VAHD |