Zechariah 14:17
और पृथ्वी के कुलों में से जो लोग यरूशलेम में राजा, अर्थात सेनाओं के यहोवा को दण्डवत करने के लिये न जाएंगे, उनके यहां वर्षा न होगी।
Zechariah 14:17 in Other Translations
King James Version (KJV)
And it shall be, that whoso will not come up of all the families of the earth unto Jerusalem to worship the King, the LORD of hosts, even upon them shall be no rain.
American Standard Version (ASV)
And it shall be, that whoso of `all' the families of the earth goeth not up unto Jerusalem to worship the King, Jehovah of hosts, upon them there shall be no rain.
Bible in Basic English (BBE)
And it will be that if any one of all the families of the earth does not go up to Jerusalem to give worship to the King, the Lord of armies, on them there will be no rain.
Darby English Bible (DBY)
And it shall be, that whoso goeth not up of the families of the earth unto Jerusalem to worship the King, Jehovah of hosts, upon them shall be no rain.
World English Bible (WEB)
It will be, that whoever of all the families of the earth doesn't go up to Jerusalem to worship the King, Yahweh of Hosts, on them there will be no rain.
Young's Literal Translation (YLT)
And it hath come to pass, That he who doth not go up of the families of the land unto Jerusalem, To bow himself to the King, Jehovah of Hosts, Even on them there is no shower.
| And it shall be, | וְ֠הָיָה | wĕhāyâ | VEH-ha-ya |
| that whoso | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
| will not | לֹֽא | lōʾ | loh |
| up come | יַעֲלֶ֜ה | yaʿăle | ya-uh-LEH |
| of | מֵאֵ֨ת | mēʾēt | may-ATE |
| all the families | מִשְׁפְּח֤וֹת | mišpĕḥôt | meesh-peh-HOTE |
| of the earth | הָאָ֙רֶץ֙ | hāʾāreṣ | ha-AH-RETS |
| unto | אֶל | ʾel | el |
| Jerusalem | יְר֣וּשָׁלִַ֔ם | yĕrûšālaim | yeh-ROO-sha-la-EEM |
| to worship | לְהִֽשְׁתַּחֲוֹ֔ת | lĕhišĕttaḥăwōt | leh-hee-sheh-ta-huh-OTE |
| the King, | לְמֶ֖לֶךְ | lĕmelek | leh-MEH-lek |
| the Lord | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| hosts, of | צְבָא֑וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| even upon | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| them shall be | עֲלֵיהֶ֖ם | ʿălêhem | uh-lay-HEM |
| no | יִהְיֶ֥ה | yihye | yee-YEH |
| rain. | הַגָּֽשֶׁם׃ | haggāšem | ha-ɡA-shem |
Cross Reference
Jeremiah 14:4
देश में पानी न बरसने से भूमि में दरार पड़ गए हैं, इस कारण किसान लोग निराश हो कर सिर ढांप लेते हैं।
Isaiah 60:12
क्योंकि जो जाति और राज्य के लोग तेरी सेवा न करें वे नष्ट हो जाएंगे; हां ऐसी जातियां पूरी रीति से सत्यानाश हो जाएंगी।
1 Kings 17:1
और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।
Jeremiah 14:22
क्या अन्यजातियों की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झडिय़ां लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।
Amos 3:2
पृथ्वी के सारे कुलों में से मैं ने केवल तुम्हीं पर मन लगाया है, इस कारण मैं तुम्हारे सारे अधर्म के कामों का दण्ड दूंगा॥
Amos 4:7
और जब कटनी के तीन महीने रह गए, तब मैं ने तुम्हारे लिये वर्षा न की; मैं ने एक नगर में जल बरसा कर दूसरे में न बरसाया; एक खेत में जल बरसा, और दूसरा खेत जिस में न बरसा; वह सूख गया।
Zechariah 14:16
तब जितने लोग यरूशलेम पर चढ़ने वाली सब जातियों में से बचे रहेंगे, वे प्रति वर्ष राजा को अर्थात सेनाओं के यहोवा को दण्डवत करने, और झोंपडिय़ों का पर्व मानने के लिये यरूशलेम को जाया करेंगे।
Acts 17:26
उस ने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियां सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाईं हैं; और उन के ठहराए हुए समय, और निवास के सिवानों को इसलिये बान्धा है।
Romans 14:10
तू अपने भाई पर क्यों दोष लगाता है? या तू फिर क्यों अपने भाई को तुच्छ जानता है? हम सब के सब परमेश्वर के न्याय सिंहासन के साम्हने खड़े होंगे।
James 5:17
एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उस ने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा।
Revelation 11:6
इन्हें अधिकार है, कि आकाश को बन्द करें, कि उन की भविष्यद्ववाणी के दिनों में मेंह न बरसे, और उन्हें सब पानी पर अधिकार है, कि उसे लोहू बनाएं, और जब जब चाहें तब तब पृथ्वी पर हर प्रकार की विपत्ति लाएं।
Jeremiah 10:25
जो जाति तुझे नहीं जानती, और जो तुझ से प्रार्थना नहीं करते, उन्हीं पर अपनी जलजलाहट उण्डेल; क्योंकि उन्होंने याकूब को निगल लिया, वरन, उसे खाकर अन्त कर दिया है, और उसके निवास स्थान को उजाड़ दिया है।
Isaiah 45:23
मैं ने अपनी ही शपथ खाई, धर्म के अनुसार मेरे मुख से यह वचन निकला है और वह नहीं टलेगा, प्रत्येक घुटना मेरे सम्मुख झुकेगा और प्रत्येक के मुख से मेरी ही शपथ खाई जाएगी॥
Genesis 12:3
और जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूंगा; और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूंगा; और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएंगे।
Genesis 28:14
और तेरा वंश भूमि की धूल के किनकों के समान बहुत होगा, और पच्छिम, पूरब, उत्तर, दक्खिन, चारों ओर फैलता जाएगा: और तेरे और तेरे वंश के द्वारा पृथ्वी के सारे कुल आशीष पाएंगे।
Deuteronomy 11:17
और यहोवा का कोप तुम पर भड़के, और वह आकाश की वर्षा बन्द कर दे, और भूमि अपनी उपज न दे, और तुम उस उत्तम देश में से जो यहोवा तुम्हें देता है शीघ्र नष्ट हो जाओ।
Deuteronomy 28:23
और तेरे सिर के ऊपर आकाश पीतल का, और तेरे पांव के तले भूमि लोहे की हो जाएगी।
1 Kings 8:35
जब वे तेरे विरुद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश बन्द हो जाए, कि वर्षा न होए, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना करके तेरे नाम को मानें जब तू उन्हें दु:ख देता है, और अपने पाप से फिरें, तो तू स्वर्ग में से सुनकर क्षमा करना,
2 Chronicles 6:26
जब वे तेरे विरुद्ध पाप करें, और इस कारण आकाश इतना बन्द हो जाए कि वर्षा न हो, ऐसे समय यदि वे इस स्थान की ओर प्रार्थना कर के तेरे नाम को मानें, और तू जो उन्हें दु:ख देता है, इस कारण वे अपने पाप से फिरें,
2 Chronicles 7:13
यदि मैं आकाश को ऐसा बन्द करूं, कि वर्षा न हो, वा टिडियों को देश उजाड़ने की आज्ञा दूं, वा अपनी प्रजा में मरी फैलाऊं,
Psalm 2:8
मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।
Psalm 110:5
प्रभु तेरी दाहिनी ओर होकर अपने क्रोध के दिन राजाओं को चूर कर देगा।
Isaiah 5:6
मैं उसे उजाड़ दूंगा; वह न तो फिर छांटी और न खोदी जाएगी और उस में भांति भांति के कटीले पेड़ उगेंगे; मैं मेघों को भी आज्ञा दूंगा कि उस पर जल न बरसाएं॥
Genesis 10:32
नूह के पुत्रों के घराने ये ही हैं: और उनकी जातियों के अनुसार उनकी वंशावलियां ये ही हैं; और जलप्रलय के पश्चात पृथ्वी भर की जातियां इन्हीं में से हो कर बंट गई॥