Psalm 129:8
और न आने जाने वाले यह कहते हैं, कि यहोवा की आशीष तुम पर होवे! हम तुम को यहोवा के नाम से आशीर्वाद देते हैं!
Cross Reference
Psalm 50:13
क्या मैं बैल का मांस खाऊं, वा बकरों का लोहू पीऊं?
Psalm 50:23
धन्यवाद के बलिदान का चढ़ाने वाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!
Hosea 14:2
बातें सीख कर और यहोवा की ओर फिर कर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे।
Ephesians 5:19
और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो।
Hebrews 13:15
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।
1 Peter 2:5
तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
Neither | וְלֹ֤א | wĕlōʾ | veh-LOH |
do they which go by | אָֽמְר֨וּ׀ | ʾāmĕrû | ah-meh-ROO |
say, | הָעֹבְרִ֗ים | hāʿōbĕrîm | ha-oh-veh-REEM |
The blessing | בִּרְכַּֽת | birkat | beer-KAHT |
of the Lord | יְהוָ֥ה | yĕhwâ | yeh-VA |
upon be | אֲלֵיכֶ֑ם | ʾălêkem | uh-lay-HEM |
you: we bless | בֵּרַ֥כְנוּ | bēraknû | bay-RAHK-noo |
name the in you | אֶ֝תְכֶ֗ם | ʾetkem | ET-HEM |
of the Lord. | בְּשֵׁ֣ם | bĕšēm | beh-SHAME |
יְהוָֽה׃ | yĕhwâ | yeh-VA |
Cross Reference
Psalm 50:13
क्या मैं बैल का मांस खाऊं, वा बकरों का लोहू पीऊं?
Psalm 50:23
धन्यवाद के बलिदान का चढ़ाने वाला मेरी महिमा करता है; और जो अपना चरित्र उत्तम रखता है उसको मैं परमेश्वर का किया हुआ उद्धार दिखाऊंगा!
Hosea 14:2
बातें सीख कर और यहोवा की ओर फिर कर, उस से कह, सब अधर्म दूर कर; अनुग्रह से हम को ग्रहण कर; तब हम धन्यवाद रूपी बलि चढ़ाएंगे।
Ephesians 5:19
और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो।
Hebrews 13:15
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।
1 Peter 2:5
तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।