Psalm 127:5
क्या ही धन्य है वह पुरूष जिसने अपने तर्कश को उन से भर लिया हो! वह फाटक के पास शत्रुओं से बातें करते संकोच न करेगा॥
Happy | אַשְׁרֵ֤י | ʾašrê | ash-RAY |
is the man | הַגֶּ֗בֶר | haggeber | ha-ɡEH-ver |
that | אֲשֶׁ֤ר | ʾăšer | uh-SHER |
hath | מִלֵּ֥א | millēʾ | mee-LAY |
his quiver | אֶת | ʾet | et |
full | אַשְׁפָּת֗וֹ | ʾašpātô | ash-pa-TOH |
not shall they them: of | מֵ֫הֶ֥ם | mēhem | MAY-HEM |
be ashamed, | לֹֽא | lōʾ | loh |
but | יֵבֹ֑שׁוּ | yēbōšû | yay-VOH-shoo |
speak shall they | כִּֽי | kî | kee |
with | יְדַבְּר֖וּ | yĕdabbĕrû | yeh-da-beh-ROO |
the enemies | אֶת | ʾet | et |
in the gate. | אוֹיְבִ֣ים | ʾôybîm | oy-VEEM |
בַּשָּֽׁעַר׃ | baššāʿar | ba-SHA-ar |