Numbers 30:2
कि जब कोई पुरूष यहोवा की मन्नत माने, वा अपने आप को वाचा से बान्धने के लिये शपथ खाए, तो वह अपना वचन न टाले; जो कुछ उसके मुंह से निकला हो उसके अनुसार वह करे।
If | אִישׁ֩ | ʾîš | eesh |
a man | כִּֽי | kî | kee |
vow | יִדֹּ֨ר | yiddōr | yee-DORE |
a vow | נֶ֜דֶר | neder | NEH-der |
unto the Lord, | לַֽיהוָ֗ה | layhwâ | lai-VA |
or | אֽוֹ | ʾô | oh |
swear | הִשָּׁ֤בַע | hiššābaʿ | hee-SHA-va |
an oath | שְׁבֻעָה֙ | šĕbuʿāh | sheh-voo-AH |
to bind | לֶאְסֹ֤ר | leʾsōr | leh-SORE |
אִסָּר֙ | ʾissār | ee-SAHR | |
his soul | עַל | ʿal | al |
bond; a with | נַפְשׁ֔וֹ | napšô | nahf-SHOH |
he shall not | לֹ֥א | lōʾ | loh |
break | יַחֵ֖ל | yaḥēl | ya-HALE |
his word, | דְּבָר֑וֹ | dĕbārô | deh-va-ROH |
do shall he | כְּכָל | kĕkāl | keh-HAHL |
according to all | הַיֹּצֵ֥א | hayyōṣēʾ | ha-yoh-TSAY |
out proceedeth that | מִפִּ֖יו | mippîw | mee-PEEOO |
of his mouth. | יַֽעֲשֶֽׂה׃ | yaʿăśe | YA-uh-SEH |