Jude 1:4
क्योंकि कितने ऐसे मनुष्य चुपके से हम में आ मिले हैं, जिन के इस दण्ड का वर्णन पुराने समय में पहिले ही से लिखा गया था: ये भक्तिहीन हैं, और हमारे परमेश्वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं, और हमारे अद्वैत स्वामी और प्रभु यीशु मसीह का इन्कार करते हैं॥
For | παρεισέδυσαν | pareisedysan | pa-ree-SAY-thyoo-sahn |
there are certain unawares, in | γάρ | gar | gahr |
men | τινες | tines | tee-nase |
crept | ἄνθρωποι | anthrōpoi | AN-throh-poo |
who | οἱ | hoi | oo |
old of before were | πάλαι | palai | PA-lay |
ordained | προγεγραμμένοι | progegrammenoi | proh-gay-grahm-MAY-noo |
to | εἰς | eis | ees |
this | τοῦτο | touto | TOO-toh |
τὸ | to | toh | |
condemnation, | κρίμα, | krima | KREE-ma |
ungodly men, | ἀσεβεῖς | asebeis | ah-say-VEES |
turning | τὴν | tēn | tane |
the | τοῦ | tou | too |
grace | Θεοῦ | theou | thay-OO |
of | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
our | χάριν | charin | HA-reen |
God | μετατιθέντες | metatithentes | may-ta-tee-THANE-tase |
into | εἰς | eis | ees |
lasciviousness, | ἀσέλγειαν | aselgeian | ah-SALE-gee-an |
and | καὶ | kai | kay |
denying | τὸν | ton | tone |
the | μόνον | monon | MOH-none |
only | δεσπότην | despotēn | thay-SPOH-tane |
Lord | Θεὸν | theon | thay-ONE |
God, | καὶ | kai | kay |
and | Κύριον | kyrion | KYOO-ree-one |
our | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
Lord | Ἰησοῦν | iēsoun | ee-ay-SOON |
Jesus | Χριστὸν | christon | hree-STONE |
Christ. | ἀρνούμενοι | arnoumenoi | ar-NOO-may-noo |