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TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
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Joel 1 KJV ASV BBE DBY WBT WEB YLT

Joel 1 in Hindi WBT Compare Webster's Bible

Joel 1

1 यहोवा का वचन जो पतूएल के पुत्र योएल के पास पहुंचा, वह यह है:

2 हे पुरनियो, सुनो, हे देश के सब रहने वालो, कान लगा कर सुनो! क्या ऐसी बात तुम्हारे दिनों में, वा तुम्हारे पुरखाओं के दिनों में कभी हुई है?

3 अपने लड़के-बालों से इसका वर्णन करो, और वे अपने लड़के-बालों से, और फिर उनके लड़के-बाले आने वाली पीढ़ी के लोगों से॥

4 जो कुछ गाजाम नाम टिड्डी से बचा; उसे अर्बे नाम टिड्डी ने खा लिया। और जो कुछ अर्बे नाम टिड्डी से बचा, उसे येलेक नाम टिड्डी ने खा लिया, और जो कुछ येलेक नाम टिड्डी से बचा, उसे हासील नाम टिड्डी ने खा लिया है।

5 हे मतवालो, जाग उठो, और रोओ; और हे सब दाखमधु पीने वालो, नये दाखमधु के कारण हाय, हाय, करो; क्योंकि वह तुम को अब न मिलेगा॥

6 देखो, मेरे देश पर एक जाति ने चढ़ाई की है, वह सामर्थी है, और उसके लोग अनगिनित हैं; उसके दांत सिंह के से, और डाढ़ें सिहनी की सी हैं।

7 उसने मेरी दाखलता को उजाड़ दिया, और मेरे अंजीर के वृक्ष को तोड़ डाला है; उसने उसकी सब छाल छील कर उसे गिरा दिया है, और उसकी डालियां छिलने से सफेद हो गई हैं॥

8 जैसे युवती अपने पति के लिये कटि में टाट बान्धे हुए विलाप करती है, वैसे ही तुम भी विलाप करो।

9 यहोवा के भवन में न तो अन्नबलि और न अर्घ आता है। उसके टहलुए जो याजक हैं, वे विलाप कर रहे हैं।

10 खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥

11 हे किसानो, लज्जित हो, हे दाख की बारी के मालियों, गेहूं और जव के लिये हाय, हाय करो; क्योंकि खेती मारी गई है।

12 दाखलता सूख गई, और अंजीर का वृक्ष कुम्हला गया है। अनार, ताड़, सेव, वरन मैदान के सब वृक्ष सूख गए हैं; और मनुष्यों का हर्ष जाता रहा है॥

13 हे याजको, कटि में टाट बान्ध कर छाती पीट-पीट के रोओ! हे वेदी के टहलुओ, हाय, हाय, करो। हे मेरे परमेश्वर के टहलुओ, आओ, टाट ओढ़े हुए रात बिताओ! क्योंकि तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और अर्घ अब नहीं आते॥

14 उपवास का दिन ठहराओ, महासभा का प्रचार करो। पुरनियों को, वरन देश के सब रहने वालों को भी अपने परमेश्वर यहोवा के भवन में इकट्ठे कर के उसकी दोहाई दो॥

15 उस दिन के कारण हाय! क्योंकि यहोवा का दिन निकट है। वह सर्वशक्तिमान की ओर से सत्यानाश का दिन हो कर आएगा।

16 क्या भोजन वस्तुएं हमारे देखते नाश नहीं हुईं? क्या हमारे परमेश्वर के भवन का आनन्द और मगन जाता नहीं रहा?

17 बीज ढेलों के नीचे झुलस गए, भण्डार सूने पड़े हैं; खत्ते गिर पड़े हैं, क्योंकि खेती मारी गई।

18 पशु कैसे कराहते हैं? झुण्ड के झुण्ड गाय-बैल विकल हैं, क्योंकि उनके लिये चराई नहीं रही; और झुण्ड के झुण्ड भेड़-बकरियां पाप का फल भोग रही हैं॥

19 हे यहोवा, मैं तेरी दोहाई देता हूं, क्योंकि जंगल की चराइयां आग का कौर हो गईं, और मैदान के सब वृक्ष ज्वाला से जल गए।

20 वन-पशु भी तेरे लिये हांफते हैं, क्योंकि जल के सोते सूख गए, और जंगल की चराइयां आग का कौर हो गईं॥

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