Jeremiah 32:15
क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस देश में घर और खेत ओर दाख की बारियां फिर बेची और मोल ली जाएंगी।
Jeremiah 32:15 in Other Translations
King James Version (KJV)
For thus saith the LORD of hosts, the God of Israel; Houses and fields and vineyards shall be possessed again in this land.
American Standard Version (ASV)
For thus saith Jehovah of hosts, the God of Israel: Houses and fields and vineyards shall yet again be bought in this land.
Bible in Basic English (BBE)
For the Lord of armies, the God of Israel, has said, There will again be trading in houses and fields and vine-gardens in this land.
Darby English Bible (DBY)
For thus saith Jehovah of hosts, the God of Israel: Houses and fields and vineyards shall again be purchased in this land.
World English Bible (WEB)
For thus says Yahweh of Hosts, the God of Israel: Houses and fields and vineyards shall yet again be bought in this land.
Young's Literal Translation (YLT)
For thus said Jehovah of Hosts, God of Israel, Again are houses and fields and vineyards bought in this land.'
| For | כִּ֣י | kî | kee |
| thus | כֹ֥ה | kō | hoh |
| saith | אָמַ֛ר | ʾāmar | ah-MAHR |
| the Lord | יְהוָ֥ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| hosts, of | צְבָא֖וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| the God | אֱלֹהֵ֣י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
| of Israel; | יִשְׂרָאֵ֑ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| Houses | ע֣וֹד | ʿôd | ode |
| fields and | יִקָּנ֥וּ | yiqqānû | yee-ka-NOO |
| and vineyards | בָתִּ֛ים | bottîm | voh-TEEM |
| again possessed be shall | וְשָׂד֥וֹת | wĕśādôt | veh-sa-DOTE |
| וּכְרָמִ֖ים | ûkĕrāmîm | oo-heh-ra-MEEM | |
| in this | בָּאָ֥רֶץ | bāʾāreṣ | ba-AH-rets |
| land. | הַזֹּֽאת׃ | hazzōt | ha-ZOTE |
Cross Reference
Jeremiah 30:18
यहोवा कहता है: मैं याकूब के तम्बू को बंधुआई से लौटाता हूँ और उसके घरों पर दया करूंगा; और नगर अपने ही खण्डहर पर फिर बसेगा, और राजभवन पहिले के अनुसार फिर बन जाएगा।
Jeremiah 32:43
कि यह उजाड़ हो गया है, इस में न तो मनुष्य रह गए हैं और न पशु, यह तो कसदियों के वश में पड़ चुका है, इसी में फिर से खेत मोल लिए जाएंगे,
Amos 9:14
मैं अपनी प्रजा इस्राएल के बंधुओं को फेर ले आऊंगा, और वे उजड़े हुए नगरों को सुधारकर उन में बसेंगे; वे दाख की बारियां लगा कर दाखमधु पीएंगे, और बगीचे लगा कर उनके फल खाएंगे।
Jeremiah 31:5
तू शोमरोन के पहाड़ों पर अंगूर की बारियां फिर लगाएगी; और जो उन्हें लगाएंगे, वे उनके फल भी खाने पाएंगे।
Jeremiah 31:12
इसलिये वे सिय्योन की चोटी पर आकर जयजयकार करेंगे, और यहोवा से अनाज, नया दाखमधु, टटका तेल, भेड़-बकरियां और गाय-बैलों के बच्चे आदि उत्तम उत्तम दान पाने के लिये तांता बान्ध कर चलेंगे; और उनका प्राण सींची हुई बारी के समान होगा, और वे फिर कभी उदास न होंगे।
Jeremiah 31:24
और यहूदा और उसके सब नगरों के लोग और किसान और चरवाहे भी उस में इकट्टे बसेंगे।
Jeremiah 32:37
देखो, मैं उन को उन सब देशों से जिन में मैं ने क्रोध और जलजलाहट में आकर उन्हें बरबस निकाल दिया था, लौटा ले आकर इसी नगर में इकट्ठे करूंगा, और निडर कर के बसा दूंगा।
Jeremiah 33:12
सेनाओं का यहोवा कहता है: सब गांवों समेत यह स्थान जो ऐसा उजाड़ है कि इस में न तो मनुष्य रह गया है और न पशु, इसी में भेड़-बकरियां बैठाने वाले चरवाहे फिर बसेंगे।
Zechariah 3:10
उसी दिन तुम अपने अपने भाईबन्धुओं को दाखलता और अंजीर के वृक्ष के नीचे आने के लिये बुलाओगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥