James 1:8 in Hindi

Hindi Hindi Bible James James 1 James 1:8

James 1:8
वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है॥

James 1:7James 1James 1:9

James 1:8 in Other Translations

King James Version (KJV)
A double minded man is unstable in all his ways.

American Standard Version (ASV)
a doubleminded man, unstable in all his ways.

Bible in Basic English (BBE)
For there is a division in his mind, and he is uncertain in all his ways.

Darby English Bible (DBY)
[he is] a double-minded man, unstable in all his ways.

World English Bible (WEB)
He is a double-minded man, unstable in all his ways.

Young's Literal Translation (YLT)
a two-souled man `is' unstable in all his ways.

A
double
minded
ἀνὴρanērah-NARE
man
δίψυχοςdipsychosTHEE-psyoo-hose
unstable
is
ἀκατάστατοςakatastatosah-ka-TA-sta-tose
in
ἐνenane
all
πάσαιςpasaisPA-sase
his
ταῖςtaistase

ὁδοῖςhodoisoh-THOOS
ways.
αὐτοῦautouaf-TOO

Cross Reference

1 Kings 18:21
और एलिय्याह सब लोगों के पास आकर कहने लगा, तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे, यदि यहोवा परमेश्वर हो, तो उसके पीछे हो लो; और यदि बाल हो, तो उसके पीछे हो लो। लोगों ने उसके उत्तर में एक भी बात न कही।

James 4:8
परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा: हे पापियों, अपने हाथ शुद्ध करो; और हे दुचित्ते लोगों अपने हृदय को पवित्र करो।

Matthew 6:24
कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते”।

Isaiah 29:13
और प्रभु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझ से दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं।

2 Peter 2:14
उन ही आंखों में व्यभिचार बसा हुआ है, और वे पाप किए बिना रूक नहीं सकते: वे चंचल मन वालों को फुसला लेते हैं; उन के मन को लोभ करने का अभ्यास हो गया है, वे सन्ताप के सन्तान हैं।

2 Peter 3:16
वैसे ही उस ने अपनी सब पत्रियों में भी इन बातों की चर्चा की है जिन में कितनी बातें ऐसी है, जिनका समझना कठिन है, और अनपढ़ और चंचल लोग उन के अर्थों को भी पवित्र शास्त्र की और बातों की नाईं खींच तान कर अपने ही नाश का कारण बनाते हैं।