Isaiah 56:7
उन को मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूंगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएंगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा।
Isaiah 56:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
Even them will I bring to my holy mountain, and make them joyful in my house of prayer: their burnt offerings and their sacrifices shall be accepted upon mine altar; for mine house shall be called an house of prayer for all people.
American Standard Version (ASV)
even them will I bring to my holy mountain, and make them joyful in my house of prayer: their burnt-offerings and their sacrifices shall be accepted upon mine altar; for my house shall be called a house of prayer for all peoples.
Bible in Basic English (BBE)
I will make them come to my holy mountain, and will give them joy in my house of prayer; I will take pleasure in the burned offerings which they make on my altar: for my house will be named a house of prayer for all peoples.
Darby English Bible (DBY)
even them will I bring to my holy mountain, and make them joyful in my house of prayer; their burnt-offerings and their sacrifices shall be accepted upon mine altar: for my house shall be called a house of prayer for all the peoples.
World English Bible (WEB)
even them will I bring to my holy mountain, and make them joyful in my house of prayer: their burnt offerings and their sacrifices shall be accepted on my altar; for my house shall be called a house of prayer for all peoples.
Young's Literal Translation (YLT)
I have brought them unto My holy mountain, And caused them to rejoice in My house of prayer, Their burnt-offerings and their sacrifices `Are' for a pleasing thing on Mine altar, For My house, `A house of prayer,' Is called for all the peoples.
| Even them will I bring | וַהֲבִיאוֹתִ֞ים | wahăbîʾôtîm | va-huh-vee-oh-TEEM |
| to | אֶל | ʾel | el |
| my holy | הַ֣ר | har | hahr |
| mountain, | קָדְשִׁ֗י | qodšî | kode-SHEE |
| joyful them make and | וְשִׂמַּחְתִּים֙ | wĕśimmaḥtîm | veh-see-mahk-TEEM |
| in my house | בְּבֵ֣ית | bĕbêt | beh-VATE |
| prayer: of | תְּפִלָּתִ֔י | tĕpillātî | teh-fee-la-TEE |
| their burnt offerings | עוֹלֹתֵיהֶ֧ם | ʿôlōtêhem | oh-loh-tay-HEM |
| sacrifices their and | וְזִבְחֵיהֶ֛ם | wĕzibḥêhem | veh-zeev-hay-HEM |
| shall be accepted | לְרָצ֖וֹן | lĕrāṣôn | leh-ra-TSONE |
| upon | עַֽל | ʿal | al |
| altar; mine | מִזְבְּחִ֑י | mizbĕḥî | meez-beh-HEE |
| for | כִּ֣י | kî | kee |
| mine house | בֵיתִ֔י | bêtî | vay-TEE |
| called be shall | בֵּית | bêt | bate |
| an house | תְּפִלָּ֥ה | tĕpillâ | teh-fee-LA |
| of prayer | יִקָּרֵ֖א | yiqqārēʾ | yee-ka-RAY |
| for all | לְכָל | lĕkāl | leh-HAHL |
| people. | הָעַמִּֽים׃ | hāʿammîm | ha-ah-MEEM |
Cross Reference
Mark 11:17
और उपदेश करके उन से कहा, क्या यह नहीं लिखा है, कि मेरा घर सब जातियों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा? पर तुम ने इसे डाकुओं की खोह बना दी है।
Matthew 21:13
और उन से कहा, लिखा है, कि मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो।
Luke 19:46
और उन से कहा, लिखा है; कि मेरा घर प्रार्थना का घर होगा: परन्तु तुम ने उसे डाकुओं की खोह बना दिया है॥
Malachi 1:11
क्योंकि उदयाचल से ले कर अस्ताचल तक अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, और हर कहीं मेरे नाम पर धूप और शुद्ध भेंट चढ़ाई जाती है; क्योंकि अन्यजातियों में मेरा नाम महान है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।
Isaiah 2:2
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लागे धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगें।
Micah 4:1
अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे।
1 Peter 2:5
तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
Hebrews 13:15
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुति रूपी बलिदान, अर्थात उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर के लिये सर्वदा चढ़ाया करें।
Hebrews 12:22
पर तुम सिय्योन के पहाड़ के पास, और जीवते परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम के पास।
Romans 12:1
इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
Psalm 2:6
मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।
Isaiah 66:19
और मैं उन से एक चिन्ह प्रगट करूंगा; और उनके बचे हुओं को मैं उन अन्यजातियों के पास भेजूंगा जिन्होंने न तो मेरा समाचार सुना है और न मेरी महिमा देखी है, अर्थात तर्शीशियों और धनुर्धारी पूलियों और लूदियों के पास, और तबलियों और यूनानियों और दूर द्वीपवासियों के पास भी भेज दूंगा और वे अन्यजातियों में मेरी महिमा का वर्णन करेंगे।
1 Timothy 2:8
सो मैं चाहता हूं, कि हर जगह पुरूष बिना क्रोध और विवाद के पवित्र हाथों को उठा कर प्रार्थना किया करें।
Ephesians 2:11
इस कारण स्मरण करो, कि तुम जो शारीरिक रीति से अन्यजाति हो, (और जो लोग शरीर में हाथ के किए हुए खतने से खतना वाले कहलाते हैं, वे तुम को खतना रहित कहते हैं)।
John 12:20
जो लोग उस पर्व में भजन करने आए थे उन में से कई यूनानी थे।
John 4:21
यीशु ने उस से कहा, हे नारी, मेरी बात की प्रतीति कर कि वह समय आता है कि तुम न तो इस पहाड़ पर पिता का भजन करोगे न यरूशलेम में।
Zechariah 8:3
यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम की सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
1 Peter 1:1
पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्तुस, गलतिया, कप्पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर होकर रहते हैं।