रूत 2:10
तब वह भूमि तक झुककर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि करके मेरी सुधि ली है?
Then she fell | וַתִּפֹּל֙ | wattippōl | va-tee-POLE |
on | עַל | ʿal | al |
face, her | פָּנֶ֔יהָ | pānêhā | pa-NAY-ha |
and bowed herself | וַתִּשְׁתַּ֖חוּ | wattištaḥû | va-teesh-TA-hoo |
ground, the to | אָ֑רְצָה | ʾārĕṣâ | AH-reh-tsa |
and said | וַתֹּ֣אמֶר | wattōʾmer | va-TOH-mer |
unto | אֵלָ֗יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
him, Why | מַדּוּעַ֩ | maddûʿa | ma-doo-AH |
found I have | מָצָ֨אתִי | māṣāʾtî | ma-TSA-tee |
grace | חֵ֤ן | ḥēn | hane |
in thine eyes, | בְּעֵינֶ֙יךָ֙ | bĕʿênêkā | beh-ay-NAY-HA |
knowledge take shouldest thou that | לְהַכִּירֵ֔נִי | lĕhakkîrēnî | leh-ha-kee-RAY-nee |
of me, seeing I | וְאָֽנֹכִ֖י | wĕʾānōkî | veh-ah-noh-HEE |
am a stranger? | נָכְרִיָּֽה׃ | nokriyyâ | noke-ree-YA |