भजन संहिता 75
1 हे परमेश्वर हम तेरा धन्यवाद करते, हम तेरा नाम का धन्यवाद करते हैं; क्योंकि तेरा नाम प्रगट हुआ है, तेरे आश्चर्यकर्मों का वर्णन हो रहा है॥
2 जब ठीक समय आएगा तब मैं आप ही ठीक ठीक न्याय करूंगा।
3 पृथ्वी अपने सब रहने वालों समेत डोल रही है, मैं ने उसके खम्भों को स्थिर कर दिया है।
4 मैं ने घमंडियों से कहा, घमंड मत करो, और दुष्टों से, कि सींग ऊंचा मत करो;
5 अपना सींग बहुत ऊंचा मत करो, न सिर उठा कर ढिठाई की बात बोलो॥
6 क्योंकि बढ़ती न तो पूरब से न पच्छिम से, और न जंगल की ओर से आती है;
7 परन्तु परमेश्वर ही न्यायी है, वह एक को घटाता और दूसरे को बढ़ाता है।
8 यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिस में का दाखमधु झाग वाला है; उस में मसाला मिला है, और वह उस में से उंडेलता है, निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दृष्ट लोग पी जाएंगे॥
9 परन्तु मैं तो सदा प्रचार करता रहूंगा, मैं याकूब के परमेश्वर का भजन गांऊगा।
10 दुष्टों के सब सींगों को मैं काट डालूंगा, परन्तु धर्मी के सींग ऊंचे किए जाएंगे।
1 To the chief Musician, Al-taschith, A Psalm or Song of Asaph.
2 Unto thee, O God, do we give thanks, unto thee do we give thanks: for that thy name is near thy wondrous works declare.
3 When I shall receive the congregation I will judge uprightly.
4 The earth and all the inhabitants thereof are dissolved: I bear up the pillars of it. Selah.
5 I said unto the fools, Deal not foolishly: and to the wicked, Lift not up the horn:
6 Lift not up your horn on high: speak not with a stiff neck.
7 For promotion cometh neither from the east, nor from the west, nor from the south.
8 But God is the judge: he putteth down one, and setteth up another.
9 For in the hand of the Lord there is a cup, and the wine is red; it is full of mixture; and he poureth out of the same: but the dregs thereof, all the wicked of the earth shall wring them out, and drink them.
10 But I will declare for ever; I will sing praises to the God of Jacob.
11 All the horns of the wicked also will I cut off; but the horns of the righteous shall be exalted.