भजन संहिता 57:4
मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है॥
My soul | נַפְשִׁ֤י׀ | napšî | nahf-SHEE |
is among | בְּת֥וֹךְ | bĕtôk | beh-TOKE |
lions: | לְבָאִם֮ | lĕbāʾim | leh-va-EEM |
lie I and | אֶשְׁכְּבָ֪ה | ʾeškĕbâ | esh-keh-VA |
fire, on set are that them among even | לֹ֫הֲטִ֥ים | lōhăṭîm | LOH-huh-TEEM |
sons the even | בְּֽנֵי | bĕnê | BEH-nay |
of men, | אָדָ֗ם | ʾādām | ah-DAHM |
whose teeth | שִׁ֭נֵּיהֶם | šinnêhem | SHEE-nay-hem |
are spears | חֲנִ֣ית | ḥănît | huh-NEET |
arrows, and | וְחִצִּ֑ים | wĕḥiṣṣîm | veh-hee-TSEEM |
and their tongue | וּ֝לְשׁוֹנָ֗ם | ûlĕšônām | OO-leh-shoh-NAHM |
a sharp | חֶ֣רֶב | ḥereb | HEH-rev |
sword. | חַדָּֽה׃ | ḥaddâ | ha-DA |