भजन संहिता 43:5
हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर भरोसा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूंगा॥
Why | מַה | ma | ma |
art thou cast down, | תִּשְׁתּ֬וֹחֲחִ֨י׀ | tištôḥăḥî | teesh-TOH-huh-HEE |
O my soul? | נַפְשִׁי֮ | napšiy | nahf-SHEE |
why and | וּֽמַה | ûma | OO-ma |
art thou disquieted | תֶּהֱמִ֪י | tehĕmî | teh-hay-MEE |
within | עָ֫לָ֥י | ʿālāy | AH-LAI |
me? hope | הוֹחִ֣ילִי | hôḥîlî | hoh-HEE-lee |
God: in | לֵֽ֭אלֹהִים | lēʾlōhîm | LAY-loh-heem |
for | כִּי | kî | kee |
I shall yet | ע֣וֹד | ʿôd | ode |
praise | אוֹדֶ֑נּוּ | ʾôdennû | oh-DEH-noo |
health the is who him, | יְשׁוּעֹ֥ת | yĕšûʿōt | yeh-shoo-OTE |
of my countenance, | פָּ֝נַ֗י | pānay | PA-NAI |
and my God. | וֵֽאלֹהָֽי׃ | wēʾlōhāy | VAY-loh-HAI |