भजन संहिता 43:2
क्योंकि हे परमेश्वर, तू ही मेरी शरण है, तू ने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अन्धेर के मारे शोक का पहिरावा पहिने हुए क्यों फिरता रहूं?
For | כִּֽי | kî | kee |
thou | אַתָּ֤ה׀ | ʾattâ | ah-TA |
art the God | אֱלֹהֵ֣י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
strength: my of | מָֽעוּזִּי֮ | māʿûzziy | ma-oo-ZEE |
why | לָמָ֪ה | lāmâ | la-MA |
off? me cast thou dost | זְנַ֫חְתָּ֥נִי | zĕnaḥtānî | zeh-NAHK-TA-nee |
why | לָֽמָּה | lāmmâ | LA-ma |
go | קֹדֵ֥ר | qōdēr | koh-DARE |
I mourning | אֶתְהַלֵּ֗ךְ | ʾethallēk | et-ha-LAKE |
oppression the of because | בְּלַ֣חַץ | bĕlaḥaṣ | beh-LA-hahts |
of the enemy? | אוֹיֵֽב׃ | ʾôyēb | oh-YAVE |