भजन संहिता 40:12
क्योंकि मैं अनगिनत बुराइयों से घिरा हुआ हूं; मेरे अधर्म के कामों ने मुझे आ पकड़ा और मैं दृष्टि नहीं उठा सकता; वे गिनती में मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं; इसलिये मेरा हृदय टूट गया॥
For | כִּ֤י | kî | kee |
innumerable | אָפְפ֥וּ | ʾoppû | ofe-FOO |
עָלַ֨י׀ | ʿālay | ah-LAI | |
רָע֡וֹת | rāʿôt | ra-OTE | |
evils | עַד | ʿad | ad |
have compassed | אֵ֬ין | ʾên | ane |
about: me | מִסְפָּ֗ר | mispār | mees-PAHR |
mine iniquities | הִשִּׂיג֣וּנִי | hiśśîgûnî | hee-see-ɡOO-nee |
have taken hold | עֲ֭וֺנֹתַי | ʿăwōnōtay | UH-voh-noh-tai |
not am I that so me, upon | וְלֹא | wĕlōʾ | veh-LOH |
able | יָכֹ֣לְתִּי | yākōlĕttî | ya-HOH-leh-tee |
up; look to | לִרְא֑וֹת | lirʾôt | leer-OTE |
they are more | עָצְמ֥וּ | ʿoṣmû | ohts-MOO |
hairs the than | מִשַּֽׂעֲר֥וֹת | miśśaʿărôt | mee-sa-uh-ROTE |
of mine head: | רֹ֝אשִׁ֗י | rōʾšî | ROH-SHEE |
therefore my heart | וְלִבִּ֥י | wĕlibbî | veh-lee-BEE |
faileth | עֲזָבָֽנִי׃ | ʿăzābānî | uh-za-VA-nee |