भजन संहिता 36:2
वह अपने अधर्म के प्रगट होने और घृणित ठहरने के विषय अपने मन में चिकनी चुपड़ी बातें विचारता है।
For | כִּֽי | kî | kee |
he flattereth | הֶחֱלִ֣יק | heḥĕlîq | heh-hay-LEEK |
אֵלָ֣יו | ʾēlāyw | ay-LAV | |
eyes, own his in himself | בְּעֵינָ֑יו | bĕʿênāyw | beh-ay-NAV |
until his iniquity | לִמְצֹ֖א | limṣōʾ | leem-TSOH |
found be | עֲוֹנ֣וֹ | ʿăwōnô | uh-oh-NOH |
to be hateful. | לִשְׂנֹֽא׃ | liśnōʾ | lees-NOH |