Psalm 27:5
क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा।
Psalm 27:5 in Other Translations
King James Version (KJV)
For in the time of trouble he shall hide me in his pavilion: in the secret of his tabernacle shall he hide me; he shall set me up upon a rock.
American Standard Version (ASV)
For in the day of trouble he will keep me secretly in his pavilion: In the covert of his tabernacle will he hide me; He will lift me up upon a rock.
Bible in Basic English (BBE)
For in the time of trouble he will keep me safe in his tent: in the secret place of his tent he will keep me from men's eyes; high on a rock he will put me.
Darby English Bible (DBY)
For in the day of evil he will hide me in his pavilion; in the secret of his tent will he keep me concealed: he will set me high upon a rock.
Webster's Bible (WBT)
For in the time of trouble he will hide me in his pavilion: in the secret of his tabernacle will he hide me; he will set me up upon a rock.
World English Bible (WEB)
For in the day of trouble he will keep me secretly in his pavilion. In the covert of his tent he will hide me. He will lift me up on a rock.
Young's Literal Translation (YLT)
For He hideth me in a tabernacle in the day of evil, He hideth me in a secret place of His tent, On a rock he raiseth me up.
| For | כִּ֤י | kî | kee |
| in the time | יִצְפְּנֵ֨נִי׀ | yiṣpĕnēnî | yeets-peh-NAY-nee |
| of trouble | בְּסֻכֹּה֮ | bĕsukkōh | beh-soo-KOH |
| hide shall he | בְּי֪וֹם | bĕyôm | beh-YOME |
| me in his pavilion: | רָ֫עָ֥ה | rāʿâ | RA-AH |
| secret the in | יַ֭סְתִּרֵנִי | yastirēnî | YAHS-tee-ray-nee |
| of his tabernacle | בְּסֵ֣תֶר | bĕsēter | beh-SAY-ter |
| hide he shall | אָהֳל֑וֹ | ʾāhŏlô | ah-hoh-LOH |
| up me set shall he me; | בְּ֝צ֗וּר | bĕṣûr | BEH-TSOOR |
| upon a rock. | יְרוֹמְמֵֽנִי׃ | yĕrômĕmēnî | yeh-roh-meh-MAY-nee |
Cross Reference
भजन संहिता 91:1
जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
भजन संहिता 40:2
उसने मुझे सत्यानाश के गड़हे और दलदल की कीच में से उबारा, और मुझ को चट्टान पर खड़ा करके मेरे पैरों को दृढ़ किया है।
भजन संहिता 31:20
तू उन्हें दर्शन देने के गुप्त स्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उन को अपने मण्डप में झगड़े-रगड़े से छिपा रखेगा॥
भजन संहिता 138:7
चाहे मैं संकट के बीच में रहूं तौभी तू मुझे जिलाएगा, तू मेरे क्रोधित शत्रुओं के विरुद्ध हाथ बढ़ाएगा, और अपने दाहिने हाथ से मेरा उद्धार करेगा।
भजन संहिता 17:8
अपने आंखो की पुतली की नाईं सुरक्षित रख; अपने पंखों के तले मुझे छिपा रख,
भजन संहिता 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
भजन संहिता 57:1
हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर, क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं, तब तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा।
भजन संहिता 91:15
जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
भजन संहिता 119:114
तू मेरी आड़ और ढ़ाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
नीतिवचन 1:24
मैं ने तो पुकारा परन्तु तुम ने इनकार किया, और मैं ने हाथ फैलाया, परन्तु किसी ने ध्यान न दिया,
नीतिवचन 18:10
यहोवा का नाम दृढ़ गढ़ है; धर्मी उस में भाग कर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
यशायाह 32:2
हर एक मानो आंधी से छिपने का स्थान, और बौछार से आड़ होगा; या निर्जल देश में जल के झरने, व तप्त भूमि में बड़ी चट्टान की छाया।
कुलुस्सियों 3:3
क्योंकि तुम तो मर गए, और तुम्हारा जीवन मसीह के साथ परमेश्वर में छिपा हुआ है।
मत्ती 7:24
इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य की नाईं ठहरेगा जिस ने अपना घर चट्टान पर बनाया।
भजन संहिता 83:3
वे चतुराई से तेरी प्रजा की हानि की सम्मति करते, और तेरे रक्षित लोगों के विरुद्ध युक्तियां निकालते हैं।
भजन संहिता 77:2
संकट के दिन मैं प्रभु की खोज में लगा रहा; रात को मेरा हाथ फैला रहा, और ढीला न हुआ, मुझ में शांति आई ही नहीं।
2 इतिहास 22:12
और वह उसके पास परमेश्वर के भवन में छ: वर्ष छिपा रहा, इतने दिनों तक अतल्याह देश पर राज्य करती रही।
नहेमायाह 6:10
और मैं शमायाह के घर में गया, जो दलायाह का पुत्र और महेतबेल का पोता था, वह तो बन्द घर में था; उसने कहा, आ, हम परमेश्वर के भवन अर्थात मन्दिर के भीतर आपस में भेंट करें, और मन्दिर के द्वार बन्द करें; क्योंकि वे लोग तुझे घात करने आएंगे, रात ही को वे तुझे घात करने आएंगे।
भजन संहिता 10:1
हे यहोवा तू क्यों दूर खड़ा रहता है? संकट के समय में क्यों छिपा रहता है?
भजन संहिता 18:33
वही मेरे पैरों को हरिणियों के पैरों के समान बनाता है, और मुझे मेरे ऊंचे स्थानों पर खड़ा करता है।
भजन संहिता 32:6
इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी।
भजन संहिता 46:1
परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
भजन संहिता 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;
यशायाह 4:5
तब यहोवा सिय्योन पर्वत के एक एक घर के ऊपर, और उसके सभास्थानों के ऊपर, दिन को तो धूंए का बादल, और रात को धधकती आग का प्रकाश सिरजेगा, और समस्त वैभव के ऊपर एक मण्डप छाया रहेगा।
यशायाह 26:16
हे यहोवा, दु:ख में वे तुझे स्मरण करते थे, जब तू उन्हें ताड़ना देता था तब वे दबे स्वर से अपने मन की बात तुझ पर प्रगट करते थे।
यशायाह 26:20
हे मेरे लोगों, आओ, अपनी अपनी कोठरी में प्रवेश कर के किवाड़ों को बन्द करो; थोड़ी देर तक जब तक क्रोध शान्त न हो तब तक अपने को छिपा रखो।
मत्ती 23:37
हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा।
मत्ती 16:16
शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।
हबक्कूक 3:18
तौभी मैं यहोवा के कारण आनन्दित और मगन रहूंगा, और अपने उद्धारकर्त्ता परमेश्वर के द्वारा अति प्रसन्न रहूंगा॥
यिर्मयाह 2:27
वे काठ से कहते हैं, तू मेरा बाप है, और पत्थर से कहते हैं, तू ने मुझे जन्म दिया है। इस प्रकार उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं पीठ ही फेरी है; परन्तु विपत्ति के समय वे कहते हैं, उठ कर हमें बचा!