भजन संहिता 142:3
जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जाने वाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फन्दा लगाया।
When my spirit | בְּהִתְעַטֵּ֬ף | bĕhitʿaṭṭēp | beh-heet-ah-TAFE |
was overwhelmed | עָלַ֨י׀ | ʿālay | ah-LAI |
within | רוּחִ֗י | rûḥî | roo-HEE |
thou then me, | וְאַתָּה֮ | wĕʾattāh | veh-ah-TA |
knewest | יָדַ֪עְתָּ | yādaʿtā | ya-DA-ta |
my path. | נְֽתִיבָ֫תִ֥י | nĕtîbātî | neh-tee-VA-TEE |
way the In | בְּאֹֽרַח | bĕʾōraḥ | beh-OH-rahk |
wherein | ז֥וּ | zû | zoo |
I walked | אֲהַלֵּ֑ךְ | ʾăhallēk | uh-ha-LAKE |
laid privily they have | טָמְנ֖וּ | ṭomnû | tome-NOO |
a snare | פַ֣ח | paḥ | fahk |
for me. | לִֽי׃ | lî | lee |