भजन संहिता 136:6 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल भजन संहिता भजन संहिता 136 भजन संहिता 136:6

Psalm 136:6
उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।

Psalm 136:5Psalm 136Psalm 136:7

Psalm 136:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
To him that stretched out the earth above the waters: for his mercy endureth for ever.

American Standard Version (ASV)
To him that spread forth the earth above the waters; For his lovingkindness `endureth' for ever:

Bible in Basic English (BBE)
To him by whom the earth was stretched out over the waters: for his mercy is unchanging for ever.

Darby English Bible (DBY)
To him that stretched out the earth above the waters, for his loving-kindness [endureth] for ever;

World English Bible (WEB)
To him who spread out the earth above the waters; For his loving kindness endures forever:

Young's Literal Translation (YLT)
To Him spreading the earth over the waters, For to the age `is' His kindness.

To
him
that
stretched
out
לְרֹקַ֣עlĕrōqaʿleh-roh-KA
the
earth
הָ֭אָרֶץhāʾāreṣHA-ah-rets
above
עַלʿalal
waters:
the
הַמָּ֑יִםhammāyimha-MA-yeem
for
כִּ֖יkee
his
mercy
לְעוֹלָ֣םlĕʿôlāmleh-oh-LAHM
endureth
for
ever.
חַסְדּֽוֹ׃ḥasdôhahs-DOH

Cross Reference

भजन संहिता 24:2
क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ करके रखी, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है॥

यिर्मयाह 10:12
उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

यशायाह 44:24
यहोवा, तेरा उद्धारकर्त्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, मैं यहोवा ही सब का बनाने वाला हूं जिसने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है।

उत्पत्ति 1:9
फिर परमेश्वर ने कहा, आकाश के नीचे का जल एक स्थान में इकट्ठा हो जाए और सूखी भूमि दिखाई दे; और वैसा ही हो गया।

2 पतरस 3:5
वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।

जकर्याह 12:1
इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का तानने वाला, पृथ्वी की नेव डालने वाला और मनुष्य की आत्मा का रचने वाला है, उसकी यह वाणी है,

यशायाह 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:

यशायाह 40:22
यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है; और पृथ्वी के रहने वाले टिड्डी के तुल्य है; जो आकाश को मलमल की नाईं फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;

भजन संहिता 104:2
जो उजियाले को चादर की नाईं ओढ़े रहता है, और आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है,

अय्यूब 37:18
फिर क्या तू उसके साथ आकाशमण्डल को तान सकता है, जो ढाले हुए दर्पण के तुल्य दृढ़ है?

अय्यूब 26:7
वह उत्तर दिशा को निराधार फैलाए रहता है, और बिना टेक पृथ्वी को लटकाए रखता है।