भजन संहिता 135:15 in Hindi

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Psalm 135:15
अन्यजातियों की मूरतें सोना- चान्दी ही हैं, वे मनुष्यों की बनाईं हुई हैं।

Psalm 135:14Psalm 135Psalm 135:16

Psalm 135:15 in Other Translations

King James Version (KJV)
The idols of the heathen are silver and gold, the work of men's hands.

American Standard Version (ASV)
The idols of the nations are silver and gold, The work of men's hands.

Bible in Basic English (BBE)
The images of the nations are silver and gold, the work of men's hands.

Darby English Bible (DBY)
The idols of the nations are silver and gold, the work of men's hands:

World English Bible (WEB)
The idols of the nations are silver and gold, The work of men's hands.

Young's Literal Translation (YLT)
The idols of the nations `are' silver and gold, Work of the hands of man.

The
idols
עֲצַבֵּ֣יʿăṣabbêuh-tsa-BAY
of
the
heathen
הַ֭גּוֹיִםhaggôyimHA-ɡoh-yeem
are
silver
כֶּ֣סֶףkesepKEH-sef
gold,
and
וְזָהָ֑בwĕzāhābveh-za-HAHV
the
work
מַ֝עֲשֵׂ֗הmaʿăśēMA-uh-SAY
of
men's
יְדֵ֣יyĕdêyeh-DAY
hands.
אָדָֽם׃ʾādāmah-DAHM

Cross Reference

भजन संहिता 115:4
उन लोगों की मूरतें सोने चान्दी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाईं हुई हैं।

व्यवस्थाविवरण 4:28
और वहां तुम मनुष्य के बनाए हुए लकड़ी और पत्थर के देवताओं की सेवा करोगे, जो न देखते, और न सुनते, और न खाते, और न सूंघते हैं।

यशायाह 37:19
और उनके देवताओं को आग में झोंका है; क्योंकि वे ईश्वर न थे, वे केवल मनुष्यों की कारीगरी, काठ और पत्थर ही थे; इस कारण वे उन को नाश कर सके।

यशायाह 40:19
मूरत! कारीगर ढालता है, सोनार उसको सोने से मढ़ता और उसके लिये चान्दी की सांकलें ढाल कर बनाता है।

यशायाह 44:9
जो मूरत खोदकर बनाते हैं, वे सब के सब व्यर्थ हैं और जिन वस्तुओं में वे आनन्द ढूंढते उन से कुछ लाभ न होगा; उसके साक्षी, न तो आप कुछ देखते और न कुछ जानते हैं, इसलिये उन को लज्जित होना पड़ेगा।

यशायाह 46:6
जो थैली से सोना उण्डेलते वा कांटे में चान्दी तौलते हैं, जो सुनार को मजदुरी देकर उस से देवता बनवाते हैं, तब वे उसे प्रणाम करते वरन दण्डवत भी करते हैं!

यिर्मयाह 10:3
क्योंकि देशों के लोगों की रीतियां तो निकम्मी हैं। मूरत तो वन में से किसी का काटा हुआ काठ है जिसे कारीगर ने बसूले से बनाया है।

हबक्कूक 2:18
खुदी हुई मूरत में क्या लाभ देख कर बनाने वाले ने उसे खोदा है? फिर झूठ सिखाने वाली और ढली हुई मूरत में क्या लाभ देख कर ढालने वाले ने उस पर इतना भरोसा रखा है कि न बोलने वाली और निकम्मी मूरत बनाए?

प्रेरितों के काम 17:29
सो परमेश्वर का वंश होकर हमें यह समझना उचित नहीं, कि ईश्वरत्व, सोने या रूपे या पत्थर के समान है, जो मनुष्य की कारीगरी और कल्पना से गढ़े गए हों।