Psalm 102:11
मेरी आयु ढलती हुई छाया के समान है; और मैं आप घास की नाईं सूख चला हूं॥
Psalm 102:11 in Other Translations
King James Version (KJV)
My days are like a shadow that declineth; and I am withered like grass.
American Standard Version (ASV)
My days are like a shadow that declineth; And I am withered like grass.
Bible in Basic English (BBE)
My days are like a shade which is stretched out; I am dry like the grass.
Darby English Bible (DBY)
My days are like a lengthened-out shadow, and I, I am withered like grass.
World English Bible (WEB)
My days are like a long shadow. I have withered like grass.
Young's Literal Translation (YLT)
My days as a shadow `are' stretched out, And I -- as the herb I am withered.
| My days | יָ֭מַי | yāmay | YA-mai |
| are like a shadow | כְּצֵ֣ל | kĕṣēl | keh-TSALE |
| declineth; that | נָט֑וּי | nāṭûy | na-TOO |
| and I | וַ֝אֲנִ֗י | waʾănî | VA-uh-NEE |
| am withered | כָּעֵ֥שֶׂב | kāʿēśeb | ka-A-sev |
| like grass. | אִיבָֽשׁ׃ | ʾîbāš | ee-VAHSH |
Cross Reference
अय्यूब 14:2
वह फूल की नाईं खिलता, फिर तोड़ा जाता हे; वह छाया की रीति पर ढल जाता, और कहीं ठहरता नहीं।
भजन संहिता 109:23
मैं ढलती हुई छाया की नाईं जाता रहा हूं; मैं टिड्डी के समान उड़ा दिया गया हूं।
भजन संहिता 144:4
मनुष्य तो सांस के समान है; उसके दिन ढलती हुई छाया के समान हैं॥
1 पतरस 1:24
क्योंकि हर एक प्राणी घास की नाईं है, और उस की सारी शोभा घास के फूल की नाईं है: घास सूख जाती है, और फूल झड़ जाता है।
याकूब 4:14
और यह नहीं जानते कि कल क्या होगा: सुन तो लो, तुम्हारा जीवन है ही क्या? तुम तो मानो भाप समान हो, जो थोड़ी देर दिखाई देती है, फिर लोप हो जाती है।
याकूब 1:10
और धनवान अपनी नीच दशा पर: क्योंकि वह घास के फूल की नाईं जाता रहेगा।
यशायाह 40:6
बोलने वाले का वचन सुनाई दिया, प्रचार कर! मैं ने कहा, मैं क्या प्रचार करूं? सब प्राणी घास हैं, उनकी शोभा मैदान के फूल के समान है।
सभोपदेशक 6:12
क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाईं की नाईं बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद दुनिया में क्या होगा?
भजन संहिता 102:3
क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं।
भजन संहिता 39:5
देख, तू ने मेरे आयु बालिश्त भर की रखी है, और मेरी अवस्था तेरी दृष्टि में कुछ है ही नहीं। सचमुच सब मनुष्य कैसे ही स्थिर क्यों न हों तौभी व्यर्थ ठहरे हैं।