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TAMIL CHRISTIAN SONGS .IN
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Proverbs 7 KJV ASV BBE DBY WBT WEB YLT

Proverbs 7 in Hindi WBT Compare Webster's Bible

Proverbs 7

1 हे मेरे पुत्र, मेरी बातों को माना कर, और मेरी आज्ञाओं को अपने मन में रख छोड़।

2 मेरी आज्ञाओं को मान, इस से तू जीवित रहेगा, और मेरी शिक्षा को अपनी आंख की पुतली जान;

3 उन को अपनी उंगलियों में बान्ध, और अपने हृदय की पटिया पर लिख ले।

4 बुद्धि से कह कि, तू मेरी बहिन है, और समझ को अपनी साथिन बना;

5 तब तू पराई स्त्री से बचेगा, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है॥

6 मैं ने एक दिन अपने घर की खिड़की से, अर्थात अपने झरोखे से झांका,

7 तब मैं ने भोले लोगों में से एक निर्बुद्धि जवान को देखा;

8 वह उस स्त्री के घर के कोने के पास की सड़क पर चला जाता था, और उस ने उसके घर का मार्ग लिया।

9 उस समय दिन ढल गया, और संध्याकाल आ गया था, वरन रात का घोर अन्धकार छा गया था।

10 और उस से एक स्त्री मिली, जिस का भेष वेश्या का सा था, और वह बड़ी धूर्त थी।

11 वह शान्ति रहित और चंचल थी, और अपने घर में न ठहरती थी;

12 कभी वह सड़क में, कभी चौक में पाई जाती थी, और एक एक कोने पर वह बाट जोहती थी।

13 तब उस ने उस जवान को पकड़ कर चूमा, और निर्लज्जता की चेष्टा कर के उस से कहा,

14 मुझे मेलबलि चढ़ाने थे, और मैं ने अपनी मन्नते आज ही पूरी की हैं;

15 इसी कारण मैं तुझ से भेंट करने को निकली, मैं तेरे दर्शन की खोजी थी, सो अभी पाया है।

16 मैं ने अपने पलंग के बिछौने पर मिस्र के बेलबूटे वाले कपड़े बिछाए हैं;

17 मैं ने अपने बिछौने पर गन्घरस, अगर और दालचीनी छिड़की है।

18 इसलिये अब चल हम प्रेम से भोर तक जी बहलाते रहें; हम परस्पर की प्रीति से आनन्दित रहें।

19 क्योंकि मेरा पति घर में नहीं है; वह दूर देश को चला गया है;

20 वह चान्दी की थैली ले गया है; और पूर्णमासी को लौट आएगा॥

21 ऐसी ही बातें कह कह कर, उस ने उस को अपनी प्रबल माया में फंसा लिया; और अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से उस को अपने वश में कर लिया।

22 वह तुरन्त उसके पीछे हो लिया, और जैसे बैल कसाई-खाने को, वा जैसे बेड़ी पहिने हुए कोई मूढ़ ताड़ना पाने को जाता है।

23 अन्त में उस जवान का कलेजा तीर से बेधा जाएगा; वह उस चिडिय़ा के समान है जो फन्दे की ओर वेग से उड़े और न जानती हो कि उस में मेरे प्राण जाएंगे॥

24 अब हे मेरे पुत्रों, मेरी सुनो, और मेरी बातों पर मन लगाओ।

25 तेरा मन ऐसी स्त्री के मार्ग की ओर न फिरे, और उसकी डगरों में भूल कर न जाना;

26 क्योंकि बहुत से लोग उस के द्वारा मारे पड़े हैं; उसके घात किए हुओं की एक बड़ी संख्या होगी।

27 उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुंचाता है॥

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