नीतिवचन 30:21
तीन बातों के कारण पृथ्वी कांपती है; वरन चार है, जो उस से सही नहीं जातीं:
For | תַּ֣חַת | taḥat | TA-haht |
three | שָׁ֭לוֹשׁ | šālôš | SHA-lohsh |
things the earth | רָ֣גְזָה | rāgĕzâ | RA-ɡeh-za |
is disquieted, | אֶ֑רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
for and | וְתַ֥חַת | wĕtaḥat | veh-TA-haht |
four | אַ֝רְבַּ֗ע | ʾarbaʿ | AR-BA |
which it cannot | לֹא | lōʾ | loh |
תוּכַ֥ל | tûkal | too-HAHL | |
bear: | שְׂאֵֽת׃ | śĕʾēt | seh-ATE |