नीतिवचन 20:24 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल नीतिवचन नीतिवचन 20 नीतिवचन 20:24

Proverbs 20:24
मनुष्य का मार्ग यहोवा की ओर से ठहराया जाता है; आदमी क्योंकर अपना चलना समझ सके?

Proverbs 20:23Proverbs 20Proverbs 20:25

Proverbs 20:24 in Other Translations

King James Version (KJV)
Man's goings are of the LORD; how can a man then understand his own way?

American Standard Version (ASV)
A man's goings are of Jehovah; How then can man understand his way?

Bible in Basic English (BBE)
A man's steps are of the Lord; how then may a man have knowledge of his way?

Darby English Bible (DBY)
The steps of a man are from Jehovah; and how can a man understand his own way?

World English Bible (WEB)
A man's steps are from Yahweh; How then can man understand his way?

Young's Literal Translation (YLT)
From Jehovah `are' the steps of a man, And man -- how understandeth he his way?

Man's
מֵיְהוָ֥הmêhwâmay-h-VA
goings
מִצְעֲדֵיmiṣʿădêmeets-uh-DAY
are
of
the
Lord;
גָ֑בֶרgāberɡA-ver
how
וְ֝אָדָ֗םwĕʾādāmVEH-ah-DAHM
man
a
can
מַהmama
then
understand
יָּבִ֥יןyābînya-VEEN
his
own
way?
דַּרְכּֽוֹ׃darkôdahr-KOH

Cross Reference

नीतिवचन 16:9
मनुष्य मन में अपने मार्ग पर विचार करता है, परन्तु यहोवा ही उसके पैरों को स्थिर करता है।

यिर्मयाह 10:23
हे यहोवा, मैं जान गया हूँ, कि मनुष्य का मार्ग उसके वश में नहीं है, मनुष्य चलता तो हे, परन्तु उसके डग उसके आधीन नहीं हैं।

भजन संहिता 25:4
हे यहोवा अपने मार्ग मुझ को दिखला; अपना पथ मुझे बता दे।

भजन संहिता 25:12
वह कौन है जो यहोवा का भय मानता है? यहोवा उसको उसी मार्ग पर जिस से वह प्रसन्न होता है चलाएगा।

नीतिवचन 14:8
चतुर की बुद्धि अपनी चाल का जानना है, परन्तु मूर्खों की मूढ़ता छल करना है।

प्रेरितों के काम 17:28
क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते-फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, कि हम तो उसी के वंश भी हैं।

भजन संहिता 37:23
मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है;

दानिय्येल 5:23
वरन तू ने स्वर्ग के प्रभु के विरुद्ध सिर उठा कर उसके भवन के पात्र मंगवा कर अपने साम्हने धरवा लिए, और अपने प्रधानों और रानियों और रखेलियों समेत तू ने उन में दाखमधु पिया; और चान्दी-सोने, पीतल, लोहे, काठ और पत्थर के देवता, जो न देखते न सुनते, न कुछ जानते हैं, उनकी तो स्तुति की, परन्तु परमेश्वर, जिसके हाथ में तेरा प्राण है, और जिसके वश में तेरा सब चलना फिरना है, उसका सन्मान तू ने नहीं किया॥