Proverbs 18:21
जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसे काम में लाना जानता है वह उसका फल भोगेगा।
Proverbs 18:21 in Other Translations
King James Version (KJV)
Death and life are in the power of the tongue: and they that love it shall eat the fruit thereof.
American Standard Version (ASV)
Death and life are in the power of the tongue; And they that love it shall eat the fruit thereof.
Bible in Basic English (BBE)
Death and life are in the power of the tongue; and those to whom it is dear will have its fruit for their food.
Darby English Bible (DBY)
Death and life are in the power of the tongue, and they that love it shall eat the fruit thereof.
World English Bible (WEB)
Death and life are in the power of the tongue; Those who love it will eat its fruit.
Young's Literal Translation (YLT)
Death and life `are' in the power of the tongue, And those loving it eat its fruit.
| Death | מָ֣וֶת | māwet | MA-vet |
| and life | וְ֭חַיִּים | wĕḥayyîm | VEH-ha-yeem |
| power the in are | בְּיַד | bĕyad | beh-YAHD |
| of the tongue: | לָשׁ֑וֹן | lāšôn | la-SHONE |
| love that they and | וְ֝אֹהֲבֶ֗יהָ | wĕʾōhăbêhā | VEH-oh-huh-VAY-ha |
| it shall eat | יֹאכַ֥ל | yōʾkal | yoh-HAHL |
| the fruit | פִּרְיָֽהּ׃ | piryāh | peer-YA |
Cross Reference
इफिसियों 4:29
कोई गन्दी बात तुम्हारे मुंह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उस से सुनने वालों पर अनुग्रह हो।
मत्ती 12:35
भला, मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है।
कुलुस्सियों 4:6
तुम्हारा वचन सदा अनुग्रह सहित और सलोना हो, कि तुम्हें हर मनुष्य को उचित रीति से उत्तर देना आ जाए।
नीतिवचन 10:19
जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है।
याकूब 3:6
जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।
नीतिवचन 10:31
धर्मी के मुंह से बुद्धि टपकती है, पर उलट फेर की बात कहने वाले की जीभ काटी जायेगी।
नीतिवचन 11:30
धर्मी का प्रतिफल जीवन का वृक्ष होता है, और बुद्धिमान मनुष्य लोगों के मन को मोह लेता है।
नीतिवचन 13:2
सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।
नीतिवचन 18:4
मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा उमण्डने वाली नदी वा बुद्धि के सोते हैं।
नीतिवचन 12:13
बुरा मनुष्य अपने दुर्वचनों के कारण फन्दे में फंसता है, परन्तु धर्मी संकट से निकास पाता है।
सभोपदेशक 10:12
बुद्धिमान के वचनों के कारण अनुग्रह होता है, परन्तु मूर्ख अपने वचनों के द्वारा नाश होते हैं।
यशायाह 57:19
मैं मुंह के फल का सृजनहार हूं; यहोवा ने कहा है, जो दूर और जो निकट हैं, दोनों को पूरी शान्ति मिले; और मैं उसको चंगा करूंगा।
रोमियो 10:14
फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें?
तीतुस 1:10
क्योंकि बहुत से लोग निरंकुश बकवादी और धोखा देने वाले हैं; विशेष करके खतना वालों में से।
2 पतरस 2:18
वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फंसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
2 कुरिन्थियों 2:16
कितनो के लिये तो मरने के निमित्त मृन्यु की गन्ध, और कितनो के लिये जीवन के निमित्त जीवन की सुगन्ध, और इन बातों के योग्य कौन है?
2 कुरिन्थियों 11:15
सो यदि उसके सेवक भी धर्म के सेवकों का सा रूप धरें, तो कुछ बड़ी बात नहीं परन्तु उन का अन्त उन के कामों के अनुसार होगा।