नीतिवचन 14:29 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल नीतिवचन नीतिवचन 14 नीतिवचन 14:29

Proverbs 14:29
जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है वह बड़ा समझ वाला है, परन्तु जो अधीर है, वह मूढ़ता की बढ़ती करता है।

Proverbs 14:28Proverbs 14Proverbs 14:30

Proverbs 14:29 in Other Translations

King James Version (KJV)
He that is slow to wrath is of great understanding: but he that is hasty of spirit exalteth folly.

American Standard Version (ASV)
He that is slow to anger is of great understanding; But he that is hasty of spirit exalteth folly.

Bible in Basic English (BBE)
He who is slow to be angry has great good sense; but he whose spirit is over-quick gives support to what is foolish.

Darby English Bible (DBY)
He that is slow to anger is of great understanding; but he that is hasty of spirit exalteth folly.

World English Bible (WEB)
He who is slow to anger has great understanding, But he who has a quick temper displays folly.

Young's Literal Translation (YLT)
Whoso is slow to anger `is' of great understanding, And whoso is short in temper is exalting folly.

He
that
is
slow
אֶ֣רֶךְʾerekEH-rek
to
wrath
אַ֭פַּיִםʾappayimAH-pa-yeem
is
of
great
רַבrabrahv
understanding:
תְּבוּנָ֑הtĕbûnâteh-voo-NA
but
he
that
is
hasty
וּקְצַרûqĕṣaroo-keh-TSAHR
of
spirit
ר֝֗וּחַrûaḥROO-ak
exalteth
מֵרִ֥יםmērîmmay-REEM
folly.
אִוֶּֽלֶת׃ʾiwweletee-WEH-let

Cross Reference

याकूब 1:19
हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो।

सभोपदेशक 7:9
अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।

नीतिवचन 16:32
विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर के जीत लेने से उत्तम है।

नीतिवचन 14:17
जो झट क्रोध करे, वह मूढ़ता का काम भी करेगा, और जो बुरी युक्तियां निकालता है, उस से लोग बैर रखते हैं।

नीतिवचन 19:11
जो मनुष्य बुद्धि से चलता है वह विलम्ब से क्रोध करता है, और अपराध को भुलाना उस को सोहता है।

नीतिवचन 15:18
क्रोधी पुरूष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है।

गिनती 12:3
मूसा तो पृथ्वी भर के रहने वाले मनुष्यों से बहुत अधिक नम्र स्वभाव का था।

नीतिवचन 25:28
जिसकी आत्मा वश में नहीं वह ऐसे नगर के समान है जिसकी शहरपनाह नाका कर के तोड़ दी गई हो॥

नीतिवचन 22:24
क्रोधी मनुष्य का मित्र न होना, और झट क्रोध करने वाले के संग न चलना,

नीतिवचन 4:8
उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी; जब तू उस से लिपट जाए, तब वह तेरी महिमा करेगी।

याकूब 3:17
पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।

1 कुरिन्थियों 13:4
प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं।

मत्ती 11:29
मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।

मत्ती 2:16
जब हेरोदेस ने यह देखा, कि ज्योतिषियों ने मेरे साथ ठट्ठा किया है, तब वह क्रोध से भर गया; और लोगों को भेजकर ज्योतिषियों से ठीक ठीक पूछे हुए समय के अनुसार बैतलहम और उसके आस पास के सब लड़कों को जो दो वर्ष के, वा उस से छोटे थे, मरवा डाला।

सभोपदेशक 10:6
अर्थात मूर्ख बड़ी प्रतिष्ठा के स्थानों में ठहराए जाते हैं, और धनवाल लोग नीचे बैठते हैं।

नीतिवचन 25:8
झगड़ा करने में जल्दी न करना नहीं तो अन्त में जब तेरा पड़ोसी तेरा मुंह काला करे तब तू क्या कर सकेगा?