Proverbs 13:23
निर्बल लोगों को खेती बारी से बहुत भोजनवस्तु मिलती है, परन्तु ऐसे लोग भी हैं जो अन्याय के कारण मिट जाते हैं।
Proverbs 13:23 in Other Translations
King James Version (KJV)
Much food is in the tillage of the poor: but there is that is destroyed for want of judgment.
American Standard Version (ASV)
Much food `is in' the tillage of the poor; But there is that is destroyed by reason of injustice.
Bible in Basic English (BBE)
There is much food in the ploughed land of the poor; but it is taken away by wrongdoing.
Darby English Bible (DBY)
Much food is in the tillage of the poor; but there is that is lost for want of judgment.
World English Bible (WEB)
An abundance of food is in poor people's fields, But injustice sweeps it away.
Young's Literal Translation (YLT)
Abundance of food -- the tillage of the poor, And substance is consumed without judgment.
| Much | רָב | rāb | rahv |
| food | אֹ֭כֶל | ʾōkel | OH-hel |
| tillage the in is | נִ֣יר | nîr | neer |
| of the poor: | רָאשִׁ֑ים | rāʾšîm | ra-SHEEM |
| is there but | וְיֵ֥שׁ | wĕyēš | veh-YAYSH |
| that is destroyed | נִ֝סְפֶּ֗ה | nispe | NEES-PEH |
| for want | בְּלֹ֣א | bĕlōʾ | beh-LOH |
| of judgment. | מִשְׁפָּֽט׃ | mišpāṭ | meesh-PAHT |
Cross Reference
नीतिवचन 12:11
जो अपनी भूमि को जोतता, वह पेट भर खाता है, परन्तु जो निकम्मों की संगति करता, वह निर्बुद्धि ठहरता है।
नीतिवचन 28:19
जो अपनी भूमि को जोता-बोया करता है, उसका तो पेट भरता है, परन्तु जो निकम्मे लोगों की संगति करता है वह कंगालपन से घिरा रहता है।
यिर्मयाह 8:7
आकाश में लगलग भी अपने नियत समयों को जानता है, और पणडुकी, सूपाबेनी, और सारस भी अपने आने का समय रखते हैं; परन्तु मेरी प्रजा यहोवा का नियम नहीं जानती।
सभोपदेशक 8:5
जो आज्ञा को मानता है, वह जोखिम से बचेगा, और बुद्धिमान का मन समय और न्याय का भेद जानता है।
सभोपदेशक 5:9
भूमि की उपज सब के लिये है, वरन खेती से राजा का भी काम निकलता है।
नीतिवचन 27:18
जो अंजीर के पेड़ की रक्षा करता है वह उसका फल खाता है, इसी रीति से जो अपने स्वामी की सेवा करता उसकी महिमा होती है।
नीतिवचन 27:23
अपनी भेड़-बकरियों की दशा भली-भांति मन लगा कर जान ले, और अपने सब पशुओं के झुण्डों की देखभाल उचित रीति से कर;
नीतिवचन 12:14
सज्जन अपने वचनों के फल के द्वारा भलाई से तृप्त होता है, और जैसी जिसकी करनी वैसी उसकी भरनी होती है।
नीतिवचन 11:5
खरे मनुष्य का मार्ग धर्म के कारण सीधा होता है, परन्तु दुष्ट अपनी दुष्टता के कारण गिर जाता है।
नीतिवचन 6:6
हे आलसी, च्यूंटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो।
भजन संहिता 112:5
जो पुरूष अनुग्रह करता और उधार देता है, उसका कल्याण होता है, वह न्याय में अपने मुकद्दमें को जीतेगा।