Proverbs 10:20
धर्मी के वचन तो उत्तम चान्दी हैं; परन्तु दुष्टों का मन बहुत हलका होता है।
Proverbs 10:20 in Other Translations
King James Version (KJV)
The tongue of the just is as choice silver: the heart of the wicked is little worth.
American Standard Version (ASV)
The tongue of the righteous is `as' choice silver: The heart of the wicked is little worth.
Bible in Basic English (BBE)
The tongue of the upright man is like tested silver: the heart of the evil-doer is of little value.
Darby English Bible (DBY)
The tongue of the righteous [man] is [as] choice silver; the heart of the wicked is little worth.
World English Bible (WEB)
The tongue of the righteous is like choice silver. The heart of the wicked is of little worth.
Young's Literal Translation (YLT)
The tongue of the righteous `is' chosen silver, The heart of the wicked -- as a little thing.
| The tongue | כֶּ֣סֶף | kesep | KEH-sef |
| of the just | נִ֭בְחָר | nibḥor | NEEV-hore |
| is as choice | לְשׁ֣וֹן | lĕšôn | leh-SHONE |
| silver: | צַדִּ֑יק | ṣaddîq | tsa-DEEK |
| the heart | לֵ֖ב | lēb | lave |
| of the wicked | רְשָׁעִ֣ים | rĕšāʿîm | reh-sha-EEM |
| is little worth. | כִּמְעָֽט׃ | kimʿāṭ | keem-AT |
Cross Reference
नीतिवचन 12:18
ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार का बोलना तलवार की नाईं चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं।
मत्ती 12:34
हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।
यिर्मयाह 17:9
मन तो सब वस्तुओं से अधिक धोखा देने वाला होता है, उस में असाध्य रोग लगा है; उसका भेद कौन समझ सकता है?
नीतिवचन 25:11
जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है।
नीतिवचन 23:7
क्योंकि जैसा वह अपने मन में विचार करता है, वैसा वह आप है। वह तुझ से कहता तो है, खा पी, परन्तु उसका मन तुझ से लगा नहीं।
नीतिवचन 16:13
धर्म की बात बोलने वालों से राजा प्रसन्न होता है, और जो सीधी बातें बोलता है, उस से वह प्रेम रखता है।
नीतिवचन 15:4
शान्ति देने वाली बात जीवन-वृक्ष है, परन्तु उलट फेर की बात से आत्मा दु:खित होती है।
नीतिवचन 8:19
मेरा फल चोखे सोने से, वरन कुन्दन से भी उत्तम है, और मेरी उपज उत्तम चान्दी से अच्छी है।
उत्पत्ति 8:21
इस पर यहोवा ने सुखदायक सुगन्ध पाकर सोचा, कि मनुष्य के कारण मैं फिर कभी भूमि को शाप न दूंगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है सो बुरा ही होता है; तौभी जैसा मैं ने सब जीवों को अब मारा है, वैसा उन को फिर कभी न मारूंगा।
उत्पत्ति 6:5
और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है।