Numbers 15:30
परन्तु क्या देशी क्या परदेशी, जो प्राणी ढिठाई से कुछ करे, वह यहोवा का अनादर करने वाला ठहरेगा, और वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए।
Numbers 15:30 in Other Translations
King James Version (KJV)
But the soul that doeth ought presumptuously, whether he be born in the land, or a stranger, the same reproacheth the LORD; and that soul shall be cut off from among his people.
American Standard Version (ASV)
But the soul that doeth aught with a high hand, whether he be home-born or a sojourner, the same blasphemeth Jehovah; and that soul shall be cut off from among his people.
Bible in Basic English (BBE)
But the person who does wrong in the pride of his heart, if he is one of you or of another nation by birth, is acting without respect for the Lord, and will be cut off from his people.
Darby English Bible (DBY)
But the soul that doeth ought with a high hand, whether born in the land, or a stranger, he reproacheth Jehovah; and that soul shall be cut off from among his people.
Webster's Bible (WBT)
But the soul that doeth aught presumptuously, whether he be born in the land, or a stranger, the same reproacheth the LORD; and that soul shall be cut off from among his people.
World English Bible (WEB)
But the soul who does anything with a high hand, whether he is home-born or a foreigner, the same blasphemes Yahweh; and that soul shall be cut off from among his people.
Young's Literal Translation (YLT)
`And the person who doth `aught' with a high hand -- of the native or of the sojourner -- Jehovah he is reviling, and that person hath been cut off from the midst of his people;
| But the soul | וְהַנֶּ֜פֶשׁ | wĕhannepeš | veh-ha-NEH-fesh |
| that | אֲשֶֽׁר | ʾăšer | uh-SHER |
| doeth | תַּעֲשֶׂ֣ה׀ | taʿăśe | ta-uh-SEH |
| presumptuously, ought | בְּיָ֣ד | bĕyād | beh-YAHD |
| רָמָ֗ה | rāmâ | ra-MA | |
| land, the in born be he whether | מִן | min | meen |
| or a stranger, | הָֽאֶזְרָח֙ | hāʾezrāḥ | ha-ez-RAHK |
| וּמִן | ûmin | oo-MEEN | |
| the same | הַגֵּ֔ר | haggēr | ha-ɡARE |
| reproacheth | אֶת | ʾet | et |
| יְהוָ֖ה | yĕhwâ | yeh-VA | |
| Lord; the | ה֣וּא | hûʾ | hoo |
| and that | מְגַדֵּ֑ף | mĕgaddēp | meh-ɡa-DAFE |
| soul | וְנִכְרְתָ֛ה | wĕnikrĕtâ | veh-neek-reh-TA |
| off cut be shall | הַנֶּ֥פֶשׁ | hannepeš | ha-NEH-fesh |
| from among | הַהִ֖וא | hahiw | ha-HEEV |
| מִקֶּ֥רֶב | miqqereb | mee-KEH-rev | |
| his people. | עַמָּֽהּ׃ | ʿammāh | ah-MA |
Cross Reference
भजन संहिता 19:13
तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा॥
इब्रानियों 10:26
क्योंकि सच्चाई की पहिचान प्राप्त करने के बाद यदि हम जान बूझ कर पाप करते रहें, तो पापों के लिये फिर कोई बलिदान बाकी नहीं।
व्यवस्थाविवरण 1:43
यह बात मैं ने तुम से कह दी, परन्तु तुम ने न मानी; किन्तु ढिठाई से यहोवा की आज्ञा का उल्लंघन करके पहाड़ पर चढ़ गए।
भजन संहिता 79:12
और हे प्रभु, हमारे पड़ोसियों ने जो तेरी निन्दा की है, उसका सातगुणा बदला उन को दे!
भजन संहिता 89:51
तेरे उन शत्रुओं ने तो हे यहोवा तेरे अभिषिक्त के पीछे पड़ कर उसकी नामधराई की है॥
नीतिवचन 14:31
जो कंगाल पर अंधेर करता, वह उसके कर्ता की निन्दा करता है, परन्तु जो दरिद्र पर अनुग्रह करता, वह उसकी महिमा करता है।
यशायाह 37:23
तू ने किस की नामधराई और निन्दा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घमण्ड किया है, वह किस के विरुद्ध किया है? इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध!
मत्ती 12:32
जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र-आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस लोक में और न पर लोक में क्षमा किया जाएगा।
इब्रानियों 10:29
तो सोच लो कि वह कितने और भी भारी दण्ड के योग्य ठहरेगा, जिस ने परमेश्वर के पुत्र को पांवों से रौंदा, और वाचा के लोहू को जिस के द्वारा वह पवित्र ठहराया गया था, अपवित्र जाना है, और अनुग्रह की आत्मा का अपमान किया।
2 पतरस 2:10
निज करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं: वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊंचे पद वालों को बुरा भला कहने से नहीं डरते।
भजन संहिता 74:22
हे परमेश्वर उठ, अपना मुकद्दमा आप ही लड़; तेरी जो नामधराई मूढ़ से दिन भर होती रहती है, उसे स्मरण कर।
भजन संहिता 74:18
हे यहोवा स्मरण कर, कि शत्रु ने नामधराई की है, और मूढ़ लोगों ने तेरे नाम की निन्दा की है।
निर्गमन 21:14
परन्तु यदि कोई ढिठाई से किसी पर चढ़ाई करके उसे छल से घात करे, तो उसको मार डालने के लिये मेरी वेदी के पास से भी अलग ले जाना॥
लैव्यवस्था 20:3
और मैं भी उस मनुष्य के विरुद्ध हो कर उसको उसके लोगों में से इस कारण नाश करूंगा, कि उसने अपनी सन्तान मोलेक को देकर मेरे पवित्रस्थान को अशुद्ध किया, और मेरे पवित्र नाम को अपवित्र ठहराया।
लैव्यवस्था 20:6
फिर जो प्राणी ओझाओं वा भूतसाधने वालों की ओर फिरके, और उनके पीछे हो कर व्यभिचारी बने, तब मैं उस प्राणी के विरुद्ध हो कर उसको उसके लोगों के बीच में से नाश कर दूंगा।
लैव्यवस्था 20:10
फिर यदि कोई पराई स्त्री के साथ व्यभिचार करे, तो जिसने किसी दूसरे की स्त्री के साथ व्यभिचार किया हो तो वह व्यभिचारी और वह व्यभिचारिणी दोनों निश्चय मार डाले जाएं।
गिनती 9:13
परन्तु जो मनुष्य शुद्ध हो और यात्रा पर न हो, परन्तु फसह के पर्ब्ब को न माने, वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए, उस मनुष्य को यहोवा का चढ़ावा नियत समय पर न ले आने के कारण अपने पाप का बोझ उठाना पड़ेगा।
गिनती 14:40
और वे बिहान को सवेरे उठ कर यह कहते हुए पहाड़ की चोटी पर चढ़ने लगे, कि हम ने पाप किया है; परन्तु अब तैयार हैं, और उस स्थान को जाएंगे जिसके विषय यहोवा ने वचन दिया था।
व्यवस्थाविवरण 17:12
और जो मनुष्य अभिमान करके उस याजक की, जो वहां तेरे परमेश्वर यहोवा की सेवा टहल करने को उपस्थित रहेगा, न माने, वा उस न्यायी की न सुने, तो वह मनुष्य मार डाला जाए; इस प्रकार तू इस्राएल में से ऐसी बुराई को दूर कर देना।
व्यवस्थाविवरण 29:19
और ऐसा मनुष्य इस शाप के वचन सुनकर अपने को आशीर्वाद के योग्य माने, और यह सोचे कि चाहे मैं अपने मन के हठ पर चलूं, और तृप्त हो कर प्यास को मिटा डालूं, तौभी मेरा कुशल होगा।
भजन संहिता 69:9
क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है।
उत्पत्ति 17:14
जो पुरूष खतनारहित रहे, अर्थात जिसकी खलड़ी का खतना न हो, वह प्राणी अपने लोगों मे से नाश किया जाए, क्योंकि उसने मेरे साथ बान्धी हुई वाचा को तोड़ दिया॥