नहेमायाह 2:3
तब मैं अत्यन्त डर गया। और राजा से कहा, राजा सदा जीवित रहे! जब वह नगर जिस में मेरे पुरखाओं की कबरें हैं, उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं, तो मेरा मुंह क्यों न उतरे?
And said | וָֽאֹמַ֣ר | wāʾōmar | va-oh-MAHR |
unto the king, | לַמֶּ֔לֶךְ | lammelek | la-MEH-lek |
king the Let | הַמֶּ֖לֶךְ | hammelek | ha-MEH-lek |
live | לְעוֹלָ֣ם | lĕʿôlām | leh-oh-LAHM |
ever: for | יִֽחְיֶ֑ה | yiḥĕye | yee-heh-YEH |
why | מַדּ֜וּעַ | maddûaʿ | MA-doo-ah |
should not | לֹֽא | lōʾ | loh |
my countenance | יֵרְע֣וּ | yērĕʿû | yay-reh-OO |
be sad, | פָנַ֗י | pānay | fa-NAI |
when | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
the city, | הָעִ֜יר | hāʿîr | ha-EER |
the place | בֵּית | bêt | bate |
of my fathers' | קִבְר֤וֹת | qibrôt | keev-ROTE |
sepulchres, | אֲבֹתַי֙ | ʾăbōtay | uh-voh-TA |
waste, lieth | חֲרֵבָ֔ה | ḥărēbâ | huh-ray-VA |
and the gates | וּשְׁעָרֶ֖יהָ | ûšĕʿārêhā | oo-sheh-ah-RAY-ha |
thereof are consumed | אֻכְּל֥וּ | ʾukkĕlû | oo-keh-LOO |
with fire? | בָאֵֽשׁ׃ | bāʾēš | va-AYSH |