नहेमायाह 1:2
तब हनानी नाम मेरा एक भाई और यहूदा से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैं ने उन से उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बन्धुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विष्य में पूछा।
That Hanani, | וַיָּבֹ֨א | wayyābōʾ | va-ya-VOH |
one | חֲנָ֜נִי | ḥănānî | huh-NA-nee |
of my brethren, | אֶחָ֧ד | ʾeḥād | eh-HAHD |
came, | מֵֽאַחַ֛י | mēʾaḥay | may-ah-HAI |
he | ה֥וּא | hûʾ | hoo |
men certain and | וַֽאֲנָשִׁ֖ים | waʾănāšîm | va-uh-na-SHEEM |
of Judah; | מִֽיהוּדָ֑ה | mîhûdâ | mee-hoo-DA |
and I asked | וָֽאֶשְׁאָלֵ֞ם | wāʾešʾālēm | va-esh-ah-LAME |
concerning them | עַל | ʿal | al |
the Jews | הַיְּהוּדִ֧ים | hayyĕhûdîm | ha-yeh-hoo-DEEM |
that had escaped, | הַפְּלֵיטָ֛ה | happĕlêṭâ | ha-peh-lay-TA |
which | אֲשֶֽׁר | ʾăšer | uh-SHER |
left were | נִשְׁאֲר֥וּ | nišʾărû | neesh-uh-ROO |
of | מִן | min | meen |
the captivity, | הַשֶּׁ֖בִי | haššebî | ha-SHEH-vee |
and concerning | וְעַל | wĕʿal | veh-AL |
Jerusalem. | יְרֽוּשָׁלִָֽם׃ | yĕrûšāloim | yeh-ROO-sha-loh-EEM |