Mark 7:22
चोरी, हत्या, पर स्त्रीगमन, लोभ, दुष्टता, छल, लुचपन, कुदृष्टि, निन्दा, अभिमान, और मूर्खता निकलती हैं।
Mark 7:22 in Other Translations
King James Version (KJV)
Thefts, covetousness, wickedness, deceit, lasciviousness, an evil eye, blasphemy, pride, foolishness:
American Standard Version (ASV)
covetings, wickednesses, deceit, lasciviousness, an evil eye, railing, pride, foolishness:
Bible in Basic English (BBE)
The taking of goods and of life, broken faith between husband and wife, the desire of wealth, wrongdoing, deceit, sins of the flesh, an evil eye, angry words, pride, foolish acts:
Darby English Bible (DBY)
thefts, covetousness, wickednesses, deceit, licentiousness, a wicked eye, injurious language, haughtiness, folly;
World English Bible (WEB)
covetings, wickedness, deceit, lustful desires, an evil eye, blasphemy, pride, and foolishness.
Young's Literal Translation (YLT)
thefts, covetous desires, wickedness, deceit, arrogance, an evil eye, evil speaking, pride, foolishness;
| Thefts, | κλοπαί | klopai | kloh-PAY |
| covetousness, | πλεονεξίαι | pleonexiai | play-oh-nay-KSEE-ay |
| wickedness, | πονηρίαι | ponēriai | poh-nay-REE-ay |
| deceit, | δόλος | dolos | THOH-lose |
| lasciviousness, | ἀσέλγεια | aselgeia | ah-SALE-gee-ah |
| evil an | ὀφθαλμὸς | ophthalmos | oh-fthahl-MOSE |
| eye, | πονηρός | ponēros | poh-nay-ROSE |
| blasphemy, | βλασφημία | blasphēmia | vla-sfay-MEE-ah |
| pride, | ὑπερηφανία | hyperēphania | yoo-pare-ay-fa-NEE-ah |
| foolishness: | ἀφροσύνη· | aphrosynē | ah-froh-SYOO-nay |
Cross Reference
मत्ती 20:15
क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूं सो करूं? क्या तू मेरे भले होने के कारण बुरी दृष्टि से देखता है?
नीतिवचन 27:22
चाहे तू मूर्ख को अनाज के बीच ओखली में डाल कर मूसल से कूटे, तौभी उसकी मूर्खता नहीं जाने की।
नीतिवचन 28:22
लोभी जन धन प्राप्त करने में उतावली करता है, और नहीं जानता कि वह घटी में पड़ेगा।
सभोपदेशक 7:25
मैं ने अपना मन लगाया कि बुद्धि के विषय में जान लूं; कि खोज निकालूं और उसका भेद जानूं, और कि दुष्टता की मूर्खता और मूर्खता जो निरा बावलापन है जानूं।
ओबद्दाह 1:3
हे पहाड़ों की दरारों में बसने वाले, हे ऊंचे स्थान में रहने वाले, तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है; तू मन में कहता है,
मत्ती 6:23
परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा।
2 कुरिन्थियों 10:5
सो हम कल्पनाओं को, और हर एक ऊंची बात को, जो परमेश्वर की पहिचान के विरोध में उठती है, खण्डन करते हैं; और हर एक भावना को कैद करके मसीह का आज्ञाकारी बना देते हैं।
1 पतरस 2:15
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्द कर दो।
1 पतरस 5:5
हे नवयुवकों, तुम भी प्राचीनों के आधीन रहो, वरन तुम सब के सब एक दूसरे की सेवा के लिये दीनता से कमर बान्धे रहो, क्योंकि परमेश्वर अभिमानियों का साम्हना करता है, परन्तु दीनों पर अनुग्रह करता है।
नीतिवचन 24:9
मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करने वाले से मनुष्य घृणा करते हैं॥
नीतिवचन 23:6
जो डाह से देखता है, उसकी रोटी न खाना, और न उसकी स्वादिष्ट भोजन वस्तुओं की लालसा करना;
व्यवस्थाविवरण 28:54
और तुझ में जो पुरूष कोमल और अति सुकुमार हो वह भी अपने भाई, और अपनी प्राणप्यारी, और अपने बचे हुए बालकों को क्रूर दृष्टि से देखेगा;
व्यवस्थाविवरण 28:56
और तुझ में जो स्त्री यहां तक कोमल और सुकुमार हो कि सुकुमारपन के और कोमलता के मारे भूमि पर पांव धरते भी डरती हो, वह भी अपने प्राणप्रिय पति, और बेटे, और बेटी को,
1 शमूएल 18:8
तब शाऊल अति क्रोधित हुआ, और यह बात उसको बुरी लगी; और वह कहने लगा, उन्होंने दाऊद के लिये तो लाखों और मेरे लिये हजारों को ठहराया; इसलिये अब राज्य को छोड़ उसको अब क्या मिलना बाकी है?
2 इतिहास 32:25
परन्तु हिजकिय्याह ने उस उपकार का बदला न दिया, क्योंकि उसका मन फूल उठा था। इस कारण उसका कोप उस पर और यहूदा और यरूशलेम पर भड़का।
2 इतिहास 32:31
तौभी जब बाबेल के हाकिमों ने उसके पास उसके देश में किए हुए चमत्कार के विषय पूछने को दूत भेजे तब परमेश्वर ने उसको इसलिये छोड़ दिया, कि उसको परख कर उसके मन का सारा भेद जान ले।
भजन संहिता 10:4
दुष्ट अपने अभिमान के कारण कहता है कि वह लेखा नहीं लेने का; उसका पूरा विचार यही है कि कोई परमेश्वर है ही नहीं॥
नीतिवचन 12:23
चतुर मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊंचे शब्द से प्रचार करता है।
नीतिवचन 22:15
लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु छड़ी की ताड़ना के द्वारा वह उस से दूर की जाती है।
व्यवस्थाविवरण 15:9
सचेत रह कि तेरे मन में ऐसी अधम चिन्ता न समाए, कि सातवां वर्ष जो छुटकारे का वर्ष है वह निकट है, और अपनी दृष्टि तू अपने उस दरिद्र भाई की ओर से क्रूर करके उसे कुछ न दे, और वह तेरे विरुद्ध यहोवा की दुहाई दे, तो यह तेरे लिये पाप ठहरेगा।