Luke 14:1
फिर वह सब्त के दिन फरीसियों के सरदारों में से किसी के घर में रोटी खाने गया: और वे उस की घात में थे।
Luke 14:1 in Other Translations
King James Version (KJV)
And it came to pass, as he went into the house of one of the chief Pharisees to eat bread on the sabbath day, that they watched him.
American Standard Version (ASV)
And it came to pass, when he went into the house of one of the rulers of the Pharisees on a sabbath to eat bread, that they were watching him.
Bible in Basic English (BBE)
And it came about that when he went into the house of one of the chief Pharisees on the Sabbath, to have a meal, they were watching him.
Darby English Bible (DBY)
And it came to pass, as he went into the house of one of the rulers, [who was] of the Pharisees, to eat bread on [the] sabbath, that *they* were watching him.
World English Bible (WEB)
It happened, when he went into the house of one of the rulers of the Pharisees on a Sabbath to eat bread, that they were watching him.
Young's Literal Translation (YLT)
And it came to pass, on his going into the house of a certain one of the chiefs of the Pharisees, on a sabbath, to eat bread, that they were watching him,
| And | Καὶ | kai | kay |
| it came to pass, | ἐγένετο | egeneto | ay-GAY-nay-toh |
| as he | ἐν | en | ane |
| τῷ | tō | toh | |
| went | ἐλθεῖν | elthein | ale-THEEN |
| into | αὐτὸν | auton | af-TONE |
| the house | εἰς | eis | ees |
| of one | οἶκόν | oikon | OO-KONE |
| the of | τινος | tinos | tee-nose |
| chief | τῶν | tōn | tone |
| Pharisees | ἀρχόντων | archontōn | ar-HONE-tone |
| to eat | τῶν | tōn | tone |
| bread | Φαρισαίων | pharisaiōn | fa-ree-SAY-one |
| day, sabbath the on | σαββάτῳ | sabbatō | sahv-VA-toh |
| that | φαγεῖν | phagein | fa-GEEN |
| they | ἄρτον | arton | AR-tone |
| watched | καὶ | kai | kay |
| αὐτοὶ | autoi | af-TOO | |
| him. | ἦσαν | ēsan | A-sahn |
| παρατηρούμενοι | paratēroumenoi | pa-ra-tay-ROO-may-noo | |
| αὐτόν | auton | af-TONE |
Cross Reference
लूका 11:37
जब वह बातें कर रहा था, तो किसी फरीसी ने उस से बिनती की, कि मेरे यहां भेजन कर; और वह भीतर जाकर भोजन करने बैठा।
मरकुस 3:2
और वे उस पर दोष लगाने के लिये उस की घात में लगे हुए थे, कि देखें, वह सब्त के दिन में उसे चंगा करता है कि नहीं।
लूका 20:20
और वे उस की ताक में लगे और भेदिये भेजे, कि धर्म का भेष धरकर उस की कोई न कोई बात पकड़ें, कि उसे हाकिम के हाथ और अधिकार में सौंप दें।
1 कुरिन्थियों 9:19
क्योंकि सब से स्वतंत्र होने पर भी मैं ने अपने आप को सब का दास बना दिया है; कि अधिक लोगों को खींच लाऊं।
यूहन्ना 3:1
फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम एक मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था।
लूका 11:53
जब वह वहां से निकला, तो शास्त्री और फरीसी बहुत पीछे पड़ गए और छेड़ने लगे, कि वह बहुत सी बातों की चर्चा करे।
लूका 7:34
मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया है; और तुम कहते हो, देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, चुंगी लेने वालों का और पापियों का मित्र।
लूका 6:7
शास्त्री और फरीसी उस पर दोष लगाने का अवसर पाने के लिये उस की ताक में थे, कि देखें कि वह सब्त के दिन चंगा करता है कि नहीं।
यिर्मयाह 20:10
मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना है। चारों ओर भय ही भय है! मेरी जान पहचान के सब जो मेरे ठोकर खाने की बाट जोहते हैं, वे कहते हैं, उसके दोष बताओ, तब हम उनकी चर्चा फैला देंगे। कदाचित वह धोखा खाए, तो हम उस पर प्रबल हो कर, उस से बदला लेंगे।
यशायाह 29:20
क्योंकि उपद्रवी फिर न रहेंगे और ठट्ठा करने वालों का अन्त होगा, और जो अनर्थ करने के लिये जागते रहते हैं, जो मनुष्यों को वचन में फंसाते हैं,
नीतिवचन 23:7
क्योंकि जैसा वह अपने मन में विचार करता है, वैसा वह आप है। वह तुझ से कहता तो है, खा पी, परन्तु उसका मन तुझ से लगा नहीं।
भजन संहिता 64:5
वे बुरे काम करने को हियाव बान्धते हैं; वे फन्दे लगाने के विषय बातचीत करते हैं; और कहते हैं, कि हम को कौन देखेगा?
भजन संहिता 62:4
सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं॥
भजन संहिता 41:6
और जब वह मुझ से मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जब कि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।
भजन संहिता 37:32
दुष्ट धर्मी की ताक में रहता है। और उसके मार डालने का यत्न करता है।
प्रेरितों के काम 5:34
परन्तु गमलीएल नाम एक फरीसी ने जो व्यवस्थापक और सब लोगों में माननीय था, न्यायालय में खड़े होकर प्रेरितों को थोड़ी देर के लिये बाहर कर देने की आज्ञा दी।