विलापगीत 4:12
पृथ्वी का कोई राजा वा जगत का कोई वासी इसकी कभी प्रतीति न कर सकता था, कि द्रोही और शत्रु यरूशलेम के फाटकों के भीतर घुसने पाएंगे।
The kings | לֹ֤א | lōʾ | loh |
of the earth, | הֶאֱמִ֙ינוּ֙ | heʾĕmînû | heh-ay-MEE-NOO |
and all | מַלְכֵי | malkê | mahl-HAY |
inhabitants the | אֶ֔רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
of the world, | וכֹּ֖ל | wkōl | vkole |
would not | יֹשְׁבֵ֣י | yōšĕbê | yoh-sheh-VAY |
believed have | תֵבֵ֑ל | tēbēl | tay-VALE |
that | כִּ֤י | kî | kee |
the adversary | יָבֹא֙ | yābōʾ | ya-VOH |
and the enemy | צַ֣ר | ṣar | tsahr |
entered have should | וְאוֹיֵ֔ב | wĕʾôyēb | veh-oh-YAVE |
into the gates | בְּשַׁעֲרֵ֖י | bĕšaʿărê | beh-sha-uh-RAY |
of Jerusalem. | יְרוּשָׁלִָֽם׃ | yĕrûšāloim | yeh-roo-sha-loh-EEM |