यिर्मयाह 9:2
भला होता कि मुझे जंगल में बटोहियों का कोई टिकाव मिलता कि मैं अपने लोगों को छोड़कर वहीं चला जाता! क्योंकि वे सब व्यभिचारी हैं, वे विश्वासघातियों का समाज हैं।
Oh that | מִֽי | mî | mee |
I had | יִתְּנֵ֣נִי | yittĕnēnî | yee-teh-NAY-nee |
in the wilderness | בַמִּדְבָּ֗ר | bammidbār | va-meed-BAHR |
place lodging a | מְלוֹן֙ | mĕlôn | meh-LONE |
of wayfaring men; | אֹֽרְחִ֔ים | ʾōrĕḥîm | oh-reh-HEEM |
that I might leave | וְאֶֽעֶזְבָה֙ | wĕʾeʿezbāh | veh-eh-ez-VA |
אֶת | ʾet | et | |
my people, | עַמִּ֔י | ʿammî | ah-MEE |
and go | וְאֵלְכָ֖ה | wĕʾēlĕkâ | veh-ay-leh-HA |
from | מֵֽאִתָּ֑ם | mēʾittām | may-ee-TAHM |
them! for | כִּ֤י | kî | kee |
all be they | כֻלָּם֙ | kullām | hoo-LAHM |
adulterers, | מְנָ֣אֲפִ֔ים | mĕnāʾăpîm | meh-NA-uh-FEEM |
an assembly | עֲצֶ֖רֶת | ʿăṣeret | uh-TSEH-ret |
of treacherous men. | בֹּגְדִֽים׃ | bōgĕdîm | boh-ɡeh-DEEM |