Jeremiah 51:29
यहोवा ने विचारा है कि वह बाबुल के देश को ऐसा उजाड़ करे कि उस में कोई भी न रहे; इसलिये पृथ्वी कांपती है और दु:खित होती है
Jeremiah 51:29 in Other Translations
King James Version (KJV)
And the land shall tremble and sorrow: for every purpose of the LORD shall be performed against Babylon, to make the land of Babylon a desolation without an inhabitant.
American Standard Version (ASV)
And the land trembleth and is in pain; for the purposes of Jehovah against Babylon do stand, to make the land of Babylon a desolation, without inhabitant.
Bible in Basic English (BBE)
And the land is shaking and in pain: for the purposes of the Lord are fixed, to make the land of Babylon an unpeopled waste.
Darby English Bible (DBY)
And the land trembleth and is in pain; for the purposes of Jehovah against Babylon do stand, to make the land of Babylon a desolation, without inhabitant.
World English Bible (WEB)
The land trembles and is in pain; for the purposes of Yahweh against Babylon do stand, to make the land of Babylon a desolation, without inhabitant.
Young's Literal Translation (YLT)
And shake doth the land, and it is pained, For stood against Babylon have the purposes of Jehovah, To make the land of Babylon a desolation without inhabitant.
| And the land | וַתִּרְעַ֥שׁ | wattirʿaš | va-teer-ASH |
| shall tremble | הָאָ֖רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| and sorrow: | וַתָּחֹ֑ל | wattāḥōl | va-ta-HOLE |
| for | כִּ֣י | kî | kee |
| every purpose | קָ֤מָה | qāmâ | KA-ma |
| of the Lord | עַל | ʿal | al |
| performed be shall | בָּבֶל֙ | bābel | ba-VEL |
| against | מַחְשְׁב֣וֹת | maḥšĕbôt | mahk-sheh-VOTE |
| Babylon, | יְהוָ֔ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| to make | לָשׂ֞וּם | lāśûm | la-SOOM |
| אֶת | ʾet | et | |
| land the | אֶ֧רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
| of Babylon | בָּבֶ֛ל | bābel | ba-VEL |
| a desolation | לְשַׁמָּ֖ה | lĕšammâ | leh-sha-MA |
| without | מֵאֵ֥ין | mēʾên | may-ANE |
| an inhabitant. | יוֹשֵֽׁב׃ | yôšēb | yoh-SHAVE |
Cross Reference
यिर्मयाह 51:43
उसके नगर उजड़ गए, उसका देश निर्जन और निर्जल हो गया है, उस में कोई मनुष्य नहीं रहता, और उस से हो कर कोई आदमी नहीं चलता।
यिर्मयाह 8:16
उनके घोड़ों का फुर्राना दान से सुन पड़ता है, और बलवन्त घोड़ों के हिनहिनाने के शब्द से सारा देश कांप उठा है। उन्होंने आकर हमारे देश को और जो कुछ उस में है, और हमारे नगर को निवासियों समेत नाश किया है।
यशायाह 13:19
और बाबुल जो सब राज्यों का शिरोमणि है, और जिसकी शोभा पर कसदी लोग फूलते हैं, वह ऐसा हो जाएगा जैसे सदोम और अमोरा, जब परमेश्वर ने उन्हें उलट दिया था।
यिर्मयाह 10:10
परन्तु यहोवा वास्तव में परमेश्वर है; जीवित परमेश्वर और सदा का राजा वही है। उसके प्रकोप से पृथ्वी कांपती है, और जाति जाति के लोग उसके क्रोध को सह नहीं सकते।
यिर्मयाह 50:13
यहोवा के क्रोध के कारण, वह देश निर्जन रहेगा, वह उजाड़ ही उजाड़ होगा; जो कोई बाबुल के पास से चलेगा वह चकित होगा, और उसके सब दु:ख देख कर ताली बजाएगा।
यिर्मयाह 50:45
सो सुनो कि यहोवा ने बाबुल के विरुद्ध क्या युक्ति की है और कसदियों के देश के विरुद्ध कौन सी कल्पना की है: निश्चय वह भेड़-बकरियों के बच्चों को घसीट ले जाएगा, निश्चय वह उनकी चराइयों को भेड़-बकरियों से खाली कर देगा।
यिर्मयाह 51:11
तीरों को पैना करो! ढालें थामे रहो! क्योंकि यहोवा ने मादी राजाओं के मन को उभारा है, उसने बाबुल को नाश करने की कल्पना की है, क्योंकि यहोवा अर्थात उसके मन्दिर का यही बदला है
आमोस 8:8
क्या इस कारण भूमि न कांपेगी? और क्या उन पर के सब रहने वाले विलाप न करेंगे? यह देश सब का सब मिस्र की नील नदी के समान होगा, जो बढ़ती है, फिर लहरें मारती, और घट जाती है॥
प्रकाशित वाक्य 18:21
फिर एक बलवन्त स्वर्गदूत ने बड़ी चक्की के पाट के समान एक पत्थर उठाया, और यह कह कर समुद्र में फेंक दिया, कि बड़ा नगर बाबुल ऐसे ही बड़े बल से गिराया जाएगा, और फिर कभी उसका पता न मिलेगा।
प्रकाशित वाक्य 18:2
उस ने ऊंचे शबद से पुकार कर कहा, कि गिर गया बड़ा बाबुल गिर गया है: और दुष्टात्माओं का निवास, और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा, और एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गया।
योएल 2:10
उनके आगे पृथ्वी कांप उठती है, और आकाश थरथराता है। सूर्य और चन्द्रमा काले हो जाते हैं, और तारे नहीं झलकते।
यशायाह 14:16
जो तुझे देखेंगे तुझ को ताकते हुए तेरे विषय में सोच सोचकर कहेंगे, क्या यह वही पुरूष है जो पृथ्वी को चैन से रहने न देता था और राज्य राज्य में घबराहट डाल देता था;
यशायाह 14:23
मैं उसको साही की मान्द और जल की झीलें कर दूंगा, और मैं उसे सत्यानाश के झाडू से जाड़ डालूंगा, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है॥
यशायाह 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
यशायाह 47:1
हे बाबुल की कुमारी बेटी, उतर आ और धूलि पर बैठ; हे कसदियों की बेटी तू बिना सिंहासन भूमि पर बैठ! क्योंकि तू अब फिर कोमल और सुकुमार न कहलाएगी।
यिर्मयाह 50:36
बड़ा बोल बोलने वालों पर तलवार चलेगी, और वे मूर्ख बनेंगे! उसके शूरवीरों पर भी तलवार चलेगी, और वे विस्मित हो जाएंगे!
यिर्मयाह 50:39
इसलिये निर्जल देश के जन्तु सियारों के संग मिल कर वहां बसेंगे, और शुतुर्मुर्ग उस में वास करेंगे, और वह फिर सदा तक बसाया न जाएगा, न युग युग उस में कोई वास कर सकेगा।
यिर्मयाह 50:43
उनका समाचार सुनते ही बाबुल के राजा के हाथ पांव ढीले पड़ गए, और उसको ज़च्चा की सी पीड़ें उठीं।
यिर्मयाह 51:62
और यह कहना, हे यहोवा तू ने तो इस स्थान के विषय में यह कहा है कि मैं इसे ऐसा मिटा दूंगा कि इस में क्या मनुष्य, क्या पशु, कोई भी न रहेगा, वरन यह सदा उजाड़ पड़ा रहेगा।
यशायाह 13:13
इसलिये मैं आकाश को कंपाऊंगा, और पृथ्वी अपने स्थान से टल जाएगी; यह सेनाओं के यहोवा के रोष के कारण और उसके भड़के हुए क्रोध के दिन होगा।