यिर्मयाह 51:13
हे बहुत जलाशयों के बीच बसी हुई और बहुत भण्डार रखने वाली, तेरा अन्त आ गया, तेरे लोभ की सीमा पहुंच गई है।
O thou that dwellest | שֹׁכַנְתְּ֙י | šōkantĕy | shoh-hahn-TEH |
upon | עַל | ʿal | al |
many | מַ֣יִם | mayim | MA-yeem |
waters, | רַבִּ֔ים | rabbîm | ra-BEEM |
abundant | רַבַּ֖ת | rabbat | ra-BAHT |
in treasures, | אֽוֹצָרֹ֑ת | ʾôṣārōt | oh-tsa-ROTE |
end thine | בָּ֥א | bāʾ | ba |
is come, | קִצֵּ֖ךְ | qiṣṣēk | kee-TSAKE |
and the measure | אַמַּ֥ת | ʾammat | ah-MAHT |
of thy covetousness. | בִּצְעֵֽךְ׃ | biṣʿēk | beets-AKE |