यिर्मयाह 50:25 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यिर्मयाह यिर्मयाह 50 यिर्मयाह 50:25

Jeremiah 50:25
प्रभु, सेनाओं के यहोवा ने अपने शस्त्रों का घर खोल कर, अपने क्रोध प्रगट करने का सामान निकाला है; क्योंकि सेनाओं के प्रभु यहोवा को कसदियों के देश में एक काम करना है।

Jeremiah 50:24Jeremiah 50Jeremiah 50:26

Jeremiah 50:25 in Other Translations

King James Version (KJV)
The LORD hath opened his armoury, and hath brought forth the weapons of his indignation: for this is the work of the Lord GOD of hosts in the land of the Chaldeans.

American Standard Version (ASV)
Jehovah hath opened his armory, and hath brought forth the weapons of his indignation; for the Lord, Jehovah of hosts, hath a work `to do' in the land of the Chaldeans.

Bible in Basic English (BBE)
From his store-house the Lord has taken the instruments of his wrath: for the Lord, the Lord of armies, has a work to do in the land of the Chaldaeans.

Darby English Bible (DBY)
Jehovah hath opened his armoury, and hath brought forth the weapons of his indignation; for this is a work for the Lord, Jehovah of hosts, in the land of the Chaldeans.

World English Bible (WEB)
Yahweh has opened his armory, and has brought forth the weapons of his indignation; for the Lord, Yahweh of Hosts, has a work [to do] in the land of the Chaldeans.

Young's Literal Translation (YLT)
Jehovah hath opened His treasury, And He bringeth out the weapons of His indignation, For a work `is' to the Lord Jehovah of Hosts, In the land of the Chaldeans.

The
Lord
פָּתַ֤חpātaḥpa-TAHK
hath
opened
יְהוָה֙yĕhwāhyeh-VA

אֶתʾetet
his
armoury,
א֣וֹצָר֔וֹʾôṣārôOH-tsa-ROH
forth
brought
hath
and
וַיּוֹצֵ֖אwayyôṣēʾva-yoh-TSAY

אֶתʾetet
the
weapons
כְּלֵ֣יkĕlêkeh-LAY
of
his
indignation:
זַעְמ֑וֹzaʿmôza-MOH
for
כִּיkee
this
מְלָאכָ֣הmĕlāʾkâmeh-la-HA
is
the
work
הִ֗יאhîʾhee
of
the
Lord
לַֽאדֹנָ֧יlaʾdōnāyla-doh-NAI
God
יְהוִ֛הyĕhwiyeh-VEE
hosts
of
צְבָא֖וֹתṣĕbāʾôttseh-va-OTE
in
the
land
בְּאֶ֥רֶץbĕʾereṣbeh-EH-rets
of
the
Chaldeans.
כַּשְׂדִּֽים׃kaśdîmkahs-DEEM

Cross Reference

यिर्मयाह 51:55
क्योंकि यहोवा बाबुल को नाश कर रहा है और उसके बड़े कोलाहल को बन्द कर रहा है। इस से उनका कोलाहल महासागर का सा सुनाई देता है।

यिर्मयाह 51:25
हे नाश करने वाले पहाड़ जिसके द्वारा सारी पृथ्वी नाश हुई है, यहोवा की यह वाणी है कि मैं तेरे विरुद्ध हूँ और हाथ बढ़ा कर तुझे ढांगों पर से लुढ़का दूंगा और जला हुआ पहाड़ बनाऊंगा।

यिर्मयाह 50:15
चारों ओर से उस पर ललकारो, उसने हार मानी; उसके कोट गिराए गए, उसकी शहरपनाह ढाई गई। क्योंकि यहोवा उस से अपना बदला लेने पर है; सो तुम भी उस से अपना अपना बदला लो, जैसा उसने किया है, वैसा ही तुम भी उस से करो।

प्रकाशित वाक्य 18:8
इस कारण एक ही दिन में उस पर विपत्तियां आ पड़ेंगी, अर्थात मृत्यु, और शोक, और अकाल; और वह आग में भस्म कर दी जाएगी, क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्वर शक्तिमान है।

आमोस 3:6
क्या किसी नगर में नरसिंगा फूंकने पर लोग न थरथराएंगे? क्या यहोवा के बिना भेजे किसी नगर में कोई विपत्ति पड़ेगी?

यिर्मयाह 51:20
तू मेरा फरसा और युद्ध के लिये हथियार ठहराया गया है; तेरे द्वारा मैं जाति जाति को तितर-बितर करूंगा; और तेरे ही द्वारा राज्य राज्य को नाश करूंगा।

यिर्मयाह 51:11
तीरों को पैना करो! ढालें थामे रहो! क्योंकि यहोवा ने मादी राजाओं के मन को उभारा है, उसने बाबुल को नाश करने की कल्पना की है, क्योंकि यहोवा अर्थात उसके मन्दिर का यही बदला है

यिर्मयाह 50:35
यहोवा की यह वाणी है, कसदियों और बाबुल के हाकिम, पण्डित आदि सब निवासियों पर तलवार चलेगी!

यशायाह 48:14
तुम सब के सब इकट्ठे हो कर सुनो! उन में से किस ने कभी इन बातों का समाचार दिया? यहोवा उस से प्रेम रखता है: वह बाबुल पर अपनी इच्छा पूरी करेगा, और कसदियों पर उसका हाथ पड़ेगा।

यशायाह 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।

यशायाह 21:7
जब वह सवार देखे जो दो-दो कर के आते हों, और गदहों और ऊंटों के सवार, तब बहुत ही ध्यान देकर सुने।

यशायाह 14:22
सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है कि मैं उनके विरुद्ध उठूंगा, और बाबुल का नाम और निशान मिटा डालूंगा, और बेटों-पोतों को काट डालूंगा, यहोवा की यही वाणी है।

यशायाह 13:17
देखो, मैं उनके विरुद्ध मादी लोगों को उभारूंगा जो न तो चान्दी का कुछ विचार करेंगे और न सोने का लालच करेंगे।

यशायाह 13:2
मुंड़े पहाड़ पर एक झंडा खड़ा करो, हाथ से सैन करो और और उन से ऊंचे स्वर से पुकारो कि वे सरदारों के फाटकों में प्रवेश करें।

भजन संहिता 45:5
तेरे तीर तो तेज हैं, तेरे साम्हने देश देश के लोग गिरेंगे; राजा के शत्रुओं के हृदय उन से छिदेंगे॥

भजन संहिता 45:3
हे वीर, तू अपनी तलवार को जो तेरा वैभव और प्रताप है अपनी कटि पर बान्ध!