Jeremiah 49:4
हे भटकने वाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेष कर अपने बहुत ही अपजाऊ तराई पर क्यों फूलती है? तू क्यों यह कह कर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, कि मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?
Jeremiah 49:4 in Other Translations
King James Version (KJV)
Wherefore gloriest thou in the valleys, thy flowing valley, O backsliding daughter? that trusted in her treasures, saying, Who shall come unto me?
American Standard Version (ASV)
Wherefore gloriest thou in the valleys, thy flowing valley, O backsliding daughter? that trusted in her treasures, `saying', Who shall come unto me?
Bible in Basic English (BBE)
Why are you lifted up in pride on account of your valleys, your flowing valley, O daughter ever turning away? who puts her faith in her wealth, saying, Who will come against me?
Darby English Bible (DBY)
Wherefore gloriest thou in the valleys? Thy valley shall flow down, O backsliding daughter, that trusteth in her treasures, [saying,] Who shall come against me?
World English Bible (WEB)
Why glory you in the valleys, your flowing valley, backsliding daughter? who trusted in her treasures, [saying], Who shall come to me?
Young's Literal Translation (YLT)
What -- dost thou boast thyself in valleys? Flowed hath thy valley, O backsliding daughter, Who is trusting in her treasures: Who doth come in unto me?
| Wherefore | מַה | ma | ma |
| gloriest | תִּתְהַֽלְלִי֙ | tithalliy | teet-hahl-LEE |
| valleys, the in thou | בָּֽעֲמָקִ֔ים | bāʿămāqîm | ba-uh-ma-KEEM |
| thy flowing | זָ֣ב | zāb | zahv |
| valley, | עִמְקֵ֔ךְ | ʿimqēk | eem-KAKE |
| O backsliding | הַבַּ֖ת | habbat | ha-BAHT |
| daughter? | הַשּֽׁוֹבֵבָ֑ה | haššôbēbâ | ha-shoh-vay-VA |
| that trusted | הַבֹּֽטְחָה֙ | habbōṭĕḥāh | ha-boh-teh-HA |
| in her treasures, | בְּאֹ֣צְרֹתֶ֔יהָ | bĕʾōṣĕrōtêhā | beh-OH-tseh-roh-TAY-ha |
| Who saying, | מִ֖י | mî | mee |
| shall come | יָב֥וֹא | yābôʾ | ya-VOH |
| unto | אֵלָֽי׃ | ʾēlāy | ay-LAI |
Cross Reference
1 तीमुथियुस 6:17
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
यिर्मयाह 21:13
हे तराई में रहने वाली और समथर देश की चट्टान; तुम जो कहते हो कि हम पर कौन चढ़ाई कर सकेगा, और हमारे वासस्थान में कौन प्रवेश कर सकेगा? यहोवा कहता है कि मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ।
यिर्मयाह 9:23
यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;
यिर्मयाह 48:7
क्योंकि तू जो अपने कामों और सम्पत्ति पर भरोसा रखता है, इस कारण तू भी पकड़ा जाएगा; और कमोश देवता भी अपने याजकों और हाकिमों समेत बंधुआई में जाएगा।
यिर्मयाह 3:14
हे भटकने वाले लड़को लौट आओ, क्योंकि मैं तुम्हरा स्वामी हूँ; यहोवा की यह वाणी है। तुम्हारे प्रत्येक नगर पीछे एक, और प्रत्येक कुल पीछे दो को लेकर मैं सिय्योन में पहुंचा दूंगा।
भजन संहिता 62:10
अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना॥
प्रकाशित वाक्य 18:7
जितनी उस ने अपनी बड़ाई की और सुख-विलास किया; उतनी उस को पीड़ा, और शोक दो; क्योंकि वह अपने मन में कहती है, मैं रानी हो बैठी हूं, विधवा नहीं; और शोक में कभी न पडूंगी।
ओबद्दाह 1:4
कौन मुझे भूमि पर उतार देगा? परन्तु चाहे तू उकाब की नाईं ऊंचा उड़ता हो, वरन तारागण के बीच अपना घोंसला बनाए हो, तौभी मैं तुझे वहां से नीचे गिराऊंगा, यहोवा की यही वाणी है॥
होशे 4:16
क्योंकि इस्राएल ने हठीली कलोर की नाईं हठ किया है, क्या अब यहोवा उन्हें भेड़ के बच्चे की नाईं लम्बे चौड़े मैदान में चराएगा?
यहेजकेल 28:4
तू ने अपनी बुद्धि और समझ के द्वारा धन प्राप्त किया, और अपने भण्डारों में सोना-चान्दी रखा है;
यिर्मयाह 49:16
हे चट्टान की दरारों में बसे हुए, हे पहाड़ी की चोटी पर किला बनाने वाले ! तेरे भयानक रूप और मन के अभिमान ने तुझे धोखा दिया है। चाहे तू उकाब की नाईं। अपना बसेरा ऊंचे स्थान पर बनाए, तौभी मैं वहां से तुझे उतार लाऊंगा, यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 7:24
पर उन्होंने मेरी न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया; वे अपनी ही युक्तियों और अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे और पीछे हट गए पर आगे न बढ़े।
यशायाह 47:7
तू ने कहा, मैं सर्वदा स्वामिन बनी रहूंगी, सो तू ने अपने मन में इन बातों पर विचार न किया और यह भी न सोचा कि उनका क्या फल होगा॥
यशायाह 28:1
घमण्ड के मुकुट पर हाय! जो एप्रैम के मतवालों का है, और उनकी भड़कीली सुन्दरता पर जो मुर्झानेवाला फूल है, जो अति उपजाऊ तराई के सिरे पर दाखमधु से मतवालों की है।
नीतिवचन 10:15
धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल लोग निर्धन होने के कारण विनाश होते हैं।
भजन संहिता 52:7
देखो, यह वही पुरूष है जिसने परमेश्वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्टता में दृढ़ करता रहा!
भजन संहिता 49:6
जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते, और अपने धन की बहुतायत पर फूलते हैं,