यिर्मयाह 46:8
मिस्र नील नदी की नाईं बढ़ता है, उसका जल महानदों का सा उछलता है। वह कहता है, मैं चढ़कर पृथ्वी को भर दूंगा, मैं नगरों को उनके निवासियों समेत नाश कर दूंगा।
Egypt | מִצְרַ֙יִם֙ | miṣrayim | meets-RA-YEEM |
riseth up | כַּיְאֹ֣ר | kayʾōr | kai-ORE |
flood, a like | יַֽעֲלֶ֔ה | yaʿăle | ya-uh-LEH |
and his waters | וְכַנְּהָר֖וֹת | wĕkannĕhārôt | veh-ha-neh-ha-ROTE |
moved are | יִתְגֹּ֣עֲשׁוּ | yitgōʿăšû | yeet-ɡOH-uh-shoo |
like the rivers; | מָ֑יִם | māyim | MA-yeem |
and he saith, | וַיֹּ֗אמֶר | wayyōʾmer | va-YOH-mer |
up, go will I | אַֽעֲלֶה֙ | ʾaʿăleh | ah-uh-LEH |
and will cover | אֲכַסֶּה | ʾăkasse | uh-ha-SEH |
the earth; | אֶ֔רֶץ | ʾereṣ | EH-rets |
destroy will I | אֹבִ֥ידָה | ʾōbîdâ | oh-VEE-da |
the city | עִ֖יר | ʿîr | eer |
and the inhabitants | וְיֹ֥שְׁבֵי | wĕyōšĕbê | veh-YOH-sheh-vay |
thereof. | בָֽהּ׃ | bāh | va |