Jeremiah 44:7
अब यहोवा, सेनाओं का परमेश्वर, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यों कहता है, तुम लोग क्यों अपनी यह बड़ी हानि करते हो, कि क्या पुरुष, क्या स्त्री, क्या बालक, क्या दूधपिउवा बच्चा, तुम सब यहूदा के बीच से नाश किए जाओ, और कोई न रहे?
Jeremiah 44:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
Therefore now thus saith the LORD, the God of hosts, the God of Israel; Wherefore commit ye this great evil against your souls, to cut off from you man and woman, child and suckling, out of Judah, to leave you none to remain;
American Standard Version (ASV)
Therefore now thus saith Jehovah, the God of hosts, the God of Israel: Wherefore commit ye `this' great evil against your own souls, to cut off from you man and woman, infant and suckling, out of the midst of Judah, to leave you none remaining;
Bible in Basic English (BBE)
So now, the Lord, the God of armies, the God of Israel, has said, Why are you doing this great evil against yourselves, causing every man and woman, little child and baby at the breast among you in Judah to be cut off till not one is still living;
Darby English Bible (DBY)
And now thus saith Jehovah the God of hosts, the God of Israel: Wherefore commit ye great evil against your souls, to cut off from you man and woman, infant and suckling, out of the midst of Judah, to leave you no remnant;
World English Bible (WEB)
Therefore now thus says Yahweh, the God of hosts, the God of Israel: Why commit you [this] great evil against your own souls, to cut off from you man and woman, infant and suckling, out of the midst of Judah, to leave you none remaining;
Young's Literal Translation (YLT)
`And, now, thus said Jehovah of Hosts, God of Israel: Why are ye doing great evil unto your own souls, to cut off to you man and woman, infant and suckling, from the midst of Judah, so as not to leave to you a remnant:
| Therefore now | וְעַתָּ֡ה | wĕʿattâ | veh-ah-TA |
| thus | כֹּֽה | kō | koh |
| saith | אָמַ֣ר | ʾāmar | ah-MAHR |
| Lord, the | יְהוָה֩ | yĕhwāh | yeh-VA |
| the God | אֱלֹהֵ֨י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
| of hosts, | צְבָא֜וֹת | ṣĕbāʾôt | tseh-va-OTE |
| God the | אֱלֹהֵ֣י | ʾĕlōhê | ay-loh-HAY |
| of Israel; | יִשְׂרָאֵ֗ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| Wherefore | לָמָה֩ | lāmāh | la-MA |
| commit | אַתֶּ֨ם | ʾattem | ah-TEM |
| ye | עֹשִׂ֜ים | ʿōśîm | oh-SEEM |
| this great | רָעָ֤ה | rāʿâ | ra-AH |
| evil | גְדוֹלָה֙ | gĕdôlāh | ɡeh-doh-LA |
| against | אֶל | ʾel | el |
| souls, your | נַפְשֹׁ֣תֵכֶ֔ם | napšōtēkem | nahf-SHOH-tay-HEM |
| to cut off | לְהַכְרִ֨ית | lĕhakrît | leh-hahk-REET |
| man you from | לָכֶ֧ם | lākem | la-HEM |
| and woman, | אִישׁ | ʾîš | eesh |
| child | וְאִשָּׁ֛ה | wĕʾiššâ | veh-ee-SHA |
| suckling, and | עוֹלֵ֥ל | ʿôlēl | oh-LALE |
| out | וְיוֹנֵ֖ק | wĕyônēq | veh-yoh-NAKE |
| of Judah, | מִתּ֣וֹךְ | mittôk | MEE-toke |
| leave to | יְהוּדָ֑ה | yĕhûdâ | yeh-hoo-DA |
| you none | לְבִלְתִּ֛י | lĕbiltî | leh-veel-TEE |
| to remain; | הוֹתִ֥יר | hôtîr | hoh-TEER |
| לָכֶ֖ם | lākem | la-HEM | |
| שְׁאֵרִֽית׃ | šĕʾērît | sheh-ay-REET |
Cross Reference
हबक्कूक 2:10
तू ने बहुत सी जातियों को काट कर अपने घर लिये लज्जा की युक्ति बान्धी, और अपने ही प्राण का दोषी ठहरा है।
यिर्मयाह 51:22
तेरे ही द्वारा रथी समेत रथ को भी टुकड़े टुकड़े करूंगा; तेरे ही द्वारा मैं स्त्री पुरुष दोनों को टुकड़े टुकड़े करूंगा; तेरे ही द्वारा मैं बूढ़े और लड़के दोनों को टुकढ़े टुकड़े करूंगा, और जवान पुरुष और जवान स्त्री दोनों को मैं तेरे ही द्वारा टुकड़े टुकड़े करूंगा;
गिनती 16:38
जिन्होंने पाप करके अपने ही प्राणों की हानि की है, उनके धूपदानों के पत्तर पीट पीटकर बनाए जाएं जिस से कि वह वेदी के मढ़ने के काम आवे; क्योंकि उन्होंने यहोवा के साम्हने रखा था; इस से वे पवित्र हैं। इस प्रकार वह इस्त्राएलियों के लिये एक निशान ठहरेगा।
यिर्मयाह 9:21
क्योंकि मृत्यु हमारी खिड़कियों से हो कर हमारे महलों में घुस आई है, कि, हमारी सड़कों में बच्चों को और चौकों में जवानों को मिटा दे।
विलापगीत 2:11
मेरी आंखें आंसू बहाते बहाते रह गई हैं; मेरी अन्तडिय़ां ऐंठी जाती हैं; मेरे लोगों की पुत्री के विनाश के कारण मेरा कलेजा फट गया है, क्योंकि बच्चे वरन दूधपिउवे बच्चे भी नगर के चौकों में मूर्च्छित होते हैं।
यहेजकेल 33:11
सो तू ने उन से यह कह, परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, मेरे जीवन की सौगन्ध, मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिर कर जीवित रहे; हे इस्राएल के घराने, तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिर जाओ; तुम क्यों मरो?
यिर्मयाह 44:27
सुनो, अब मैं उनकी भलाई नहीं, हानि ही की चिन्ता करूंगा; सो मिस्र देश में रहने वाले सब यहूदी, तलवार और महंगी के द्वारा मिटकर नाश हो जाएंगे जब तक कि उनका सर्वनाश न हो जाए।
यिर्मयाह 44:14
कि जो बचे हुए यहूदी मिस्र देश में परदेशी हो कर रहने के लिये आए हैं, यद्यपि वे यहूदा देश में रहने के लिये लौटने की बड़ी अभिलाषा रखते हैं, तौभी उन में से एक भी बच कर वहां न लौटने पाएगा; केवल कुछ ही भागे हुओं को छोड़ कोई भी वहां न लौटने पाएगा।
यिर्मयाह 44:11
इस कारण इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा, यों कहता है, देखो, मैं तुम्हारे विरुद्ध हो कर तुम्हारी हानि करूंगा, ताकि सब यहूदियों का अन्त कर दूं।
यिर्मयाह 44:8
क्योंकि इस मिस्र देश में जहां तुम परदेशी हो कर रहने के लिये आए हो, तुम अपने कामों के द्वारा, अर्थात दूसरे देवताओं के लिये धूप जला कर मुझे रिस दिलाते हो जिस से तुम नाश हो जाओगे ओर पृथ्वी भर की सब जातियों के लोग तुम्हारी जाति की नामधराई करेंगे और तुम्हारी उपमा देकर शाप दिया करेंगे।
यिर्मयाह 42:20
क्योंकि जब तुम ने मुझ को यह कह कर अपने परमेश्वर यहोवा के पास भेज दिया कि हमारे निमित्त हमारे परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर और जो कुछ हमारा परमेश्वर यहोवा कहे उसी के अनुसार हम को बता और हम वैसा ही करेंगे, तब तुम जान बूझ के अपने ही को धोखा देते थे।
यिर्मयाह 26:19
क्या यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने वा किसी यहूदी ने उसको कहीं मरवा डाला? क्या उस राजा ने यहोवा का भय न माना ओर उस से बिनती न की? और तब यहोवा ने जो विपत्ति उन पर डालने के लिये कहा था, उसके विषय क्या वह न पछताया? ऐसा कर के हम अपने प्राणों की बड़ी हानि करेंगे।
यिर्मयाह 25:7
यह सुनने पर भी तुम ने मेरी नहीं मानी, वरन अपनी बनाई हुई वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाते आए हो जिस से तुम्हारी हानि ही हो सकती है, यहोवा की यही वाणी है।
यहोशू 6:21
और क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या जवान, क्या बूढ़े, वरन बैल, भेड़-बकरी, गदहे, और जितने नगर में थे, उन सभों को उन्होंने अर्पण की वस्तु जानकर तलवार से मार डाला।
न्यायियों 21:11
और तुम्हें जो करना होगा वह यह है, कि सब पुरूषों को और जितनी स्त्रियों ने पुरूष का मुंह देखा हो उन को सत्यानाश कर डालना।
1 शमूएल 15:3
इसलिये अब तू जा कर अमालेकियों को मार, और जो कुछ उनका है उसे बिना कोमलता किए सत्यानाश कर; क्या पुरूष, क्या स्त्री, क्या बच्चा, क्या दूधपिउवा, क्या गाय-बैल, क्या भेड़-बकरी, क्या ऊंट, क्या गदहा, सब को मार डाल॥
1 शमूएल 22:19
और याजकों के नगर नोब को उसने स्त्रियों-पुरूषों, और बाल-बच्चों, और दूधपिउवों, और बैलों, गदहों, और भेड़-बकरियों समेत तलवार से मारा।
नीतिवचन 1:18
और ये लोग तो अपनी ही हत्या करने के लिये घात लगाते हैं, और अपने ही प्राणों की घात की ताक में रहते हैं।
नीतिवचन 5:22
दुष्ट अपने ही अधर्म के कर्मों से फंसेगा, और अपने ही पाप के बन्धनों में बन्धा रहेगा।
नीतिवचन 8:36
परन्तु जो मेरा अपराध करता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है; जितने मुझ से बैर रखते वे मृत्यु से प्रीति रखते हैं॥
नीतिवचन 15:32
जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है, परन्तु जो डांट को सुनता, वह बुद्धि प्राप्त करता है।
यिर्मयाह 7:19
यहोवा की यह वाणी है, क्या वे मुझी को क्रोध दिलाते हैं? क्या वे अपने ही को नहीं जिस से उनके मुंह पर सियाही छाए?
व्यवस्थाविवरण 32:25
बाहर वे तलवार से मरेंगे, और कोठरियों के भीतर भय से; क्या कुंवारे और कुंवारियां, क्या दूध पीता हुआ बच्चा क्या पक्के बाल वाले, सब इसी प्रकार बरबाद होंगे।