Jeremiah 4:28
इस कारण पृथ्वी विलाप करेगी, और आकाश शोक का काला वस्त्र पहिनेगा; क्योंकि मैं ने ऐसा ही करने को ठाना और कहा भी है; मैं इस से नहीं पछताऊंगा और न अपने प्रण को छोड़ूंगा।
Jeremiah 4:28 in Other Translations
King James Version (KJV)
For this shall the earth mourn, and the heavens above be black; because I have spoken it, I have purposed it, and will not repent, neither will I turn back from it.
American Standard Version (ASV)
For this shall the earth mourn, and the heavens above be black; because I have spoken it, I have purposed it, and I have not repented, neither will I turn back from it.
Bible in Basic English (BBE)
The earth will be weeping for this, and the heavens on high will be black: because I have said it, and I will not go back from it; it is my purpose, and it will not be changed.
Darby English Bible (DBY)
For this shall the earth mourn, and the heavens above be black; because I have spoken it, I have purposed it, and will not repent, neither will I turn back therefrom.
World English Bible (WEB)
For this shall the earth mourn, and the heavens above be black; because I have spoken it, I have purposed it, and I have not repented, neither will I turn back from it.
Young's Literal Translation (YLT)
For this doth the land mourn, And black have been the heavens above, because I have spoken -- I have purposed, And I have not repented, Nor do I turn back from it.
| For | עַל | ʿal | al |
| this | זֹאת֙ | zōt | zote |
| shall the earth | תֶּאֱבַ֣ל | teʾĕbal | teh-ay-VAHL |
| mourn, | הָאָ֔רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| heavens the and | וְקָדְר֥וּ | wĕqodrû | veh-kode-ROO |
| above | הַשָּׁמַ֖יִם | haššāmayim | ha-sha-MA-yeem |
| be black: | מִמָּ֑עַל | mimmāʿal | mee-MA-al |
| because | עַ֤ל | ʿal | al |
| כִּי | kî | kee | |
| spoken have I | דִבַּ֙רְתִּי֙ | dibbartiy | dee-BAHR-TEE |
| it, I have purposed | זַמֹּ֔תִי | zammōtî | za-MOH-tee |
| not will and it, | וְלֹ֥א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| repent, | נִחַ֖מְתִּי | niḥamtî | nee-HAHM-tee |
| neither | וְלֹא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| back turn I will | אָשׁ֥וּב | ʾāšûb | ah-SHOOV |
| from | מִמֶּֽנָּה׃ | mimmennâ | mee-MEH-na |
Cross Reference
होशे 4:3
इस कारण यह देश विलाप करेगा, और मैदान के जीव-जन्तुओं, और आकाश के पक्षियों समेत उसके सब निवासी कुम्हला जाएंगे; और समुद्र की मछलियां भी नाश हो जाएंगी॥
यिर्मयाह 12:4
कब तक देश विलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहेगी? देश के निवासियों की बुराई के कारण पशु-पक्षी सब नाश हो गए हैं, क्योंकि उन लोगों ने कहा, वह हमारे अन्त को न देखेगा।
यशायाह 50:3
मैं आकाश को मानो शोक का काला कपड़ा पहिनाता, और टाट को उनका ओढ़ना बना देता हूं॥
गिनती 23:19
ईश्वर मनुष्य नहीं, कि झूठ बोले, और न वह आदमी है, कि अपनी इच्छा बदले। क्या जो कुछ उसने कहा उसे न करे? क्या वह वचन देकर उस पूरा न करे?
यशायाह 5:30
उस समय वे उन पर समुद्र के गर्जन की नाईं गर्जेंगे और यदि कोई देश की ओर देखे, तो उसे अन्धकार और संकट देख पड़ेगा और ज्योति मेघों से छिप जाएगी॥
योएल 2:30
और मैं आकाश में और पृथ्वी पर चमत्कार, अर्थात लोहू और आग और धूएं के खम्भे दिखाऊंगा।
योएल 1:10
खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥
मत्ती 27:45
दोपहर से लेकर तीसरे पहर तक उस सारे देश में अन्धेरा छाया रहा।
मरकुस 15:33
और दोपहर होने पर, सारे देश में अन्धियारा छा गया; और तीसरे पहर तक रहा।
लूका 23:44
और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा।
इफिसियों 1:9
कि उस ने अपनी इच्छा का भेद उस सुमति के अनुसार हमें बताया जिसे उस ने अपने आप में ठान लिया था।
इफिसियों 1:11
उसी में जिस में हम भी उसी की मनसा से जो अपनी इच्छा के मत के अनुसार सब कुछ करता है, पहिले से ठहराए जाकर मीरास बने।
इब्रानियों 7:21
(क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उस की ओर से नियुक्त किया गया जिस ने उसके विषय में कहा, कि प्रभु ने शपथ खाई, और वह उस से फिर ने पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है)।
प्रकाशित वाक्य 6:12
और जब उस ने छठवीं मुहर खोली, तो मैं ने देखा, कि एक बड़ा भुइंडोल हुआ; और सूर्य कम्बल की नाईं काला, और पूरा चन्द्रमा लोहू का सा हो गया।
होशे 13:14
मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूंगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूंगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहां रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहां रहीं? मैं फिर कभी नहीं पछताऊंगा॥
यहेजकेल 24:14
मुझ यहोवा ही ने यह कहा है; और वह हो जाएगा, मैं ऐसा ही करूंगा, मैं तुझे न छोड़ूंगा, न तुझ पर तरस खऊंगा न पछताऊंगा; तेरे चालचलन और कामों ही के अनुसार तेरा न्याय किया जाएगा, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
यिर्मयाह 30:24
जब तक यहोवा अपना काम न कर चुके और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका भड़का हुआ क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को समझ सकोगे।
यशायाह 14:24
सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, नि:सन्देह जैसा मैं ने ठाना है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी,
यशायाह 24:4
पृथ्वी विलाप करेगी और मुर्झाएगी, जगत कुम्हलाएगा और मुर्झा जाएगा; पृथ्वी के महान लोग भी कुम्हला जाएंगे।
यशायाह 33:8
राजमार्ग सुनसान पड़े हैं, उन पर बटोही अब नहीं चलते। उसने वाचा को टाल दिया, नगरों को तुच्छ जाना, उसने मनुष्य को कुछ न समझा।
यशायाह 34:4
आकाश के सारे गण जाते रहेंगे और आकाश कागज की नाईं लपेटा जाएगा। और जैसे दाखलता वा अंजीर के वृक्ष के पत्ते मुर्झाकर गिर जाते हैं, वैसे ही उसके सारे गण धुंधले हो कर जाते रहेंगे॥
यशायाह 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
यिर्मयाह 4:23
मैं ने पृथ्वी पर देखा, वह सूनी और सुनसान पड़ी थी; और आकाश को, और उस में कोई ज्योति नहीं थी।
यिर्मयाह 7:16
इस प्रजा के लिये तू प्रार्थना मत कर, न इन लोगों के लिये ऊंचे स्वर से पुकार न मुझ से बिनती कर, क्योंकि मैं तेरी नहीं सुनूंगा।
यिर्मयाह 12:11
उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मेरे साम्हने विलाप कर रहा है। सारा देश उजड़ गया है, तौभी कोई नहीं सोचता।
यिर्मयाह 14:2
यहूदा विलाप करता और फाटकों में लोग शोक का पहिरावा पहिने हुए भूमि पर उदास बैठे हैं; और यरूशलेम की चिल्लाहट आकाश तक पहुंच गई है।
यिर्मयाह 14:11
फिर यहोवा ने मुझ से कहा, इस प्रजा की भलाई के लिये प्रार्थना मत कर।
यिर्मयाह 15:1
फिर यहोवा ने मुझ से कहा, यदि मूसा और शमूएल भी मेरे साम्हने खड़े होते, तौभी मेरा मन इन लोगों की ओर न फिरता। इन को मेरे साम्हने से निकाल दो कि वे निकल जाएं!
यिर्मयाह 23:10
क्योंकि यह देश व्यभिचारियों से भरा है; इस पर ऐसा शाप पड़ा है कि यह विलाप कर रहा है; वन की चराइयां भी सूख गई। लोग बड़ी दौड़ तो दौड़ते हैं, परन्तु बुराई ही की ओर; और वीरता तो करते हैं, परन्तु अन्याय ही के साथ।
यिर्मयाह 23:20
जब तक यहोवा अपना काम और अपनी युक्तियों को पूरी न कर चुके, तब तक उसका क्रोध शान्त न होगा। अन्त के दिनों में तुम इस बात को भली भांति समझ सकोगे।
1 शमूएल 15:29
और जो इस्राएल का बलमूल है वह न तो झूठ बोलता और न पछताता है; क्योंकि वह मनुष्य नहीं है, कि पछताए।