यिर्मयाह 35:17 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यिर्मयाह यिर्मयाह 35 यिर्मयाह 35:17

Jeremiah 35:17
इसलिये सेनाओं का परमेश्वर यहोवा, जो इस्राएल का परमेश्वर है, यों कहता है कि देखो, यहूदा देश और यरूशलेम नगर के सारे निवासियों पर जितनी विपत्ति डालने की मैं ने चर्चा की है वह उन पर अब डालता हूँ; क्योंकि मैं ने उन को सुनाया पर उन्होंने नहीं सुना, मैं ने उन को बुलाया पर उन्होंने उत्तर न दिया।

Jeremiah 35:16Jeremiah 35Jeremiah 35:18

Jeremiah 35:17 in Other Translations

King James Version (KJV)
Therefore thus saith the LORD God of hosts, the God of Israel; Behold, I will bring upon Judah and upon all the inhabitants of Jerusalem all the evil that I have pronounced against them: because I have spoken unto them, but they have not heard; and I have called unto them, but they have not answered.

American Standard Version (ASV)
therefore thus saith Jehovah, the God of hosts, the God of Israel: Behold, I will bring upon Judah and upon all the inhabitants of Jerusalem all the evil that I have pronounced against them; because I have spoken unto them, but they have not heard; and I have called unto them, but they have not answered.

Bible in Basic English (BBE)
For this reason the Lord, the God of armies, the God of Israel, has said, See, I will send on Judah and on all the people of Jerusalem all the evil which I said I would do to them: because I sent my words to them, but they did not give ear; crying out to them, but they gave no answer.

Darby English Bible (DBY)
therefore thus saith Jehovah the God of hosts, the God of Israel: Behold, I will bring upon Judah and upon all the inhabitants of Jerusalem all the evil that I have pronounced against them, because I have spoken unto them, but they have not hearkened, and I have called unto them, but they have not answered.

World English Bible (WEB)
therefore thus says Yahweh, the God of hosts, the God of Israel: Behold, I will bring on Judah and on all the inhabitants of Jerusalem all the evil that I have pronounced against them; because I have spoken to them, but they have not heard; and I have called to them, but they have not answered.

Young's Literal Translation (YLT)
therefore thus said Jehovah, God of Hosts, God of Israel: Lo, I am bringing in unto Judah, and unto all inhabitants of Jerusalem, all the evil that I have spoken against them, because I have spoken unto them, and they have not hearkened, yea, I call to them, and they have not answered.'

Therefore
לָ֠כֵןlākēnLA-hane
thus
כֹּֽהkoh
saith
אָמַ֨רʾāmarah-MAHR
the
Lord
יְהוָ֜הyĕhwâyeh-VA
God
אֱלֹהֵ֤יʾĕlōhêay-loh-HAY
hosts,
of
צְבָאוֹת֙ṣĕbāʾôttseh-va-OTE
the
God
אֱלֹהֵ֣יʾĕlōhêay-loh-HAY
of
Israel;
יִשְׂרָאֵ֔לyiśrāʾēlyees-ra-ALE
Behold,
הִנְנִ֧יhinnîheen-NEE
bring
will
I
מֵבִ֣יאmēbîʾmay-VEE
upon
אֶלʾelel
Judah
יְהוּדָ֗הyĕhûdâyeh-hoo-DA
and
upon
וְאֶ֤לwĕʾelveh-EL
all
כָּלkālkahl
inhabitants
the
יֽוֹשְׁבֵי֙yôšĕbēyyoh-sheh-VAY
of
Jerusalem
יְר֣וּשָׁלִַ֔םyĕrûšālaimyeh-ROO-sha-la-EEM

אֵ֚תʾētate
all
כָּלkālkahl
evil
the
הָ֣רָעָ֔הhārāʿâHA-ra-AH
that
אֲשֶׁ֥רʾăšeruh-SHER
I
have
pronounced
דִּבַּ֖רְתִּיdibbartîdee-BAHR-tee
against
עֲלֵיהֶ֑םʿălêhemuh-lay-HEM
because
them:
יַ֣עַןyaʿanYA-an
I
have
spoken
דִּבַּ֤רְתִּיdibbartîdee-BAHR-tee
unto
אֲלֵיהֶם֙ʾălêhemuh-lay-HEM
not
have
they
but
them,
וְלֹ֣אwĕlōʾveh-LOH
heard;
שָׁמֵ֔עוּšāmēʿûsha-MAY-oo
called
have
I
and
וָאֶקְרָ֥אwāʾeqrāʾva-ek-RA
not
have
they
but
them,
unto
לָהֶ֖םlāhemla-HEM
answered.
וְלֹ֥אwĕlōʾveh-LOH
עָנֽוּ׃ʿānûah-NOO

Cross Reference

रोमियो 10:21
परन्तु इस्त्राएल के विषय में वह यह कहता है कि मैं सारे दिन अपने हाथ एक आज्ञा न मानने वाली और विवाद करने वाली प्रजा की ओर पसारे रहा॥

यिर्मयाह 7:13
अब यहोवा की यह वाणी है, कि तुम जो ये सब काम करते आए हो, और यद्यपि मैं तुम से बड़े यत्न से बातें करता रहा हूँ, तौभी तुम ने नहीं सुना, और तुम्हें बुलाता आया परन्तु तुम नहीं बोले,

यशायाह 66:4
इसलिये मैं भी उनके लिये दु:ख की बातें निकालूंगा, और जिन बातों से वे डरते हैं उन्हीं को उन पर लाऊंगा; क्योंकि जब मैं ने उन्हें बुलाया, तब कोई न बोला, और जब मैं ने उन से बातें की, तब उन्होंने मेरी न सुनी; परन्तु जो मेरी दृष्टि में बुरा था वही वे करते रहे, और जिस से मैं अप्रसन्न होता था उसी को उन्होंने अपनाया॥ तुम जो यहोवा का वचन सुनकर थरथराते हो यहोवा का यह वचन सुनो:

यशायाह 65:12
मैं तुम्हें गिन गिनकर तलवार का कौर बनाऊंगा, और तुम सब घात होने के लिये झुकोगे; क्योंकि, जब मैं ने तुम्हें बुलाया तुम ने उत्तर न दिया, जब मैं बोला, तब तुम ने मेरी न सुनी; वरन जो मुझे बुरा लगता है वही तुम ने नित किया, और जिस से मैं अप्रसन्न होता हूं, उसी को तुम ने अपनाया॥

यशायाह 50:2
इसका क्या कारण है कि जब मैं आया तब कोई न मिला? और जब मैं ने पुकारा, तब कोई न बोला? क्या मेरा हाथ ऐसा छोटा हो गया है कि छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं? देखो, मैं एक धमकी से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं महानदों को रेगिस्तान बना देता हूं, उनकी मछलियां जल बिना मर जाती और बसाती हैं।

यिर्मयाह 7:26
परन्तु उन्होंने मेरी नहीं सुनी, न अपना कान लगाया; उन्होंने हठ किया, और अपने पुरखाओं से बढ़कर बुराइयां की हैं।

यिर्मयाह 21:4
देखो, युद्ध के जो हथियार तुम्हारे हाथों में है, जिन से तुम बाबुल के राजा और शहरपनाह के बाहर घेरने वाले कसदियों से लड़ रहे हो, उन को मैं लौटा कर इस नगर के बीच में इकट्ठा करूंगा;

यिर्मयाह 26:5
और न मेरे दास भविष्यद्वक्ताओं के वचनों पर कान लगाओगे, (जिन्हें मैं तुम्हारे पास बड़ा यत्न कर के भेजता आया हूँ, परन्तु तुम ने उनकी नहीं सुनी),

मीका 3:12
इसलिये तुम्हारे कारण सिय्योन जोत कर खेत बनाया जाएगा, और यरूशलेम डीह ही डीह हो जाएगा, और जिस पर्वत पर भवन बना है, वह वन के ऊंचे स्थान सा हो जाएगा॥

लूका 13:34
हे यरूशलेम ! हे यरूशलेम ! तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालती है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थरवाह करती है; कितनी बार मैं ने यह चाहा, कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखो के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे करूं, पर तुम ने यह न चाहा।

यिर्मयाह 32:33
उन्होंने मेरी ओर मुंह नहीं वरन पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्होंने मेरी शिक्षा को नहीं माना।

यिर्मयाह 19:7
और मैं इस स्थान में यहूदा और यरूशलेम की युक्तियों को निष्फल कर दूंगा; और उन्हें उनके प्राणों के शत्रुओं के हाथ की तलवार चलवा कर गिरा दूंगा। उनकी लोथों को मैं आकाश के पक्षियों और भूमि के जीवजन्तुओं का आहार कर दूंगा।

यिर्मयाह 15:3
मैं उनके विरुद्ध चार प्रकार के विनाश ठहराऊंगा: मार डालने के लिये तलवार, फाड़ डालने के लिये कुत्ते, नोच डालने के लिये आकाश के पक्षी, और फाड़ कर खाने के लिये मैदान के हिंसक जन्तु, यहोवा की यह वाणी है।

लैव्यवस्था 26:14
यदि तुम मेरी न सुनोगे, और इन सब आज्ञाओं को न मानोगे,

व्यवस्थाविवरण 28:15
परन्तु यदि तू अपने परमेश्वर यहोवा की बात न सुने, और उसकी सारी आज्ञाओं और विधियों के पालने में जो मैं आज सुनाता हूं चौकसी नहीं करेगा, तो ये सब शाप तुझ पर आ पड़ेंगे।

व्यवस्थाविवरण 29:19
और ऐसा मनुष्य इस शाप के वचन सुनकर अपने को आशीर्वाद के योग्य माने, और यह सोचे कि चाहे मैं अपने मन के हठ पर चलूं, और तृप्त हो कर प्यास को मिटा डालूं, तौभी मेरा कुशल होगा।

व्यवस्थाविवरण 31:20
जब मैं इन को उस देश में पहुंचाऊंगा जिसे देने की मैं ने इनके पूर्वजों से शपथ खाईं थी, और जिस में दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और खाते-खाते इनका पेट भर जाए, और ये हृष्ट-पुष्ट हो जाएंगे; तब ये पराये देवताओं की ओर फिरकर उनकी उपासना करने लगेंगे, और मेरा तिरस्कार करके मेरी वाचा को तोड़ देंगे।

व्यवस्थाविवरण 32:16
उन्होंने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई॥

यहोशू 23:15
तो जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की कही हुई सब भलाई की बातें तुम पर घटी है, वैसे ही यहोवा विपत्ति की सब बातें भी तुम पर घटाते घटाते तुम को इस अच्छी भूमि के ऊपर से, जिसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हें दिया है, सत्यानाश कर डालेगा।

नीतिवचन 1:24
मैं ने तो पुकारा परन्तु तुम ने इनकार किया, और मैं ने हाथ फैलाया, परन्तु किसी ने ध्यान न दिया,

नीतिवचन 13:13
जो वचन को तुच्छ जानता, वह नाश हो जाता है, परन्तु आज्ञा के डरवैये को अच्छा फल मिलता है।

नीतिवचन 16:2
मनुष्य का सारा चाल चलन अपनी दृष्टि में पवित्र ठहरता है, परन्तु यहोवा मन को तौलता है।

यिर्मयाह 11:8
परन्तु उन्होंने न सुनी और न मेरी बातों पर कान लगाया, किन्तु अपने अपने बुरे मन के हठ पर चलते रहे। इसलिये मैं ने उनके विषय इस वाचा की सब बातों को पूर्ण किया है जिसके मानने की मैं ने उन्हें आज्ञा दी थी और उन्होंने न मानी।

उत्पत्ति 6:17
और सुन, मैं आप पृथ्वी पर जलप्रलय करके सब प्राणियों को, जिन में जीवन की आत्मा है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूं: और सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएंगे।